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दिल्ली में सुरक्षाचक्र अभ्यास: आपदा प्रबंधन की तैयारी को मजबूत करने की दिशा में कदम

दिल्ली कैंट में 'सुरक्षाचक्र' अभ्यास का आयोजन किया गया, जिसमें आपदा प्रबंधन की तैयारियों की जांच की गई। यह संगोष्ठी विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय को सशक्त बनाने और संभावित आपदाओं के लिए तैयारियों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने आपदा जोखिम और प्रतिक्रिया क्षमताओं पर चर्चा की। 1 अगस्त 2025 को एक मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, जिसमें रियल-टाइम आपातकालीन स्थिति का अभ्यास किया जाएगा।
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दिल्ली में सुरक्षाचक्र अभ्यास: आपदा प्रबंधन की तैयारी को मजबूत करने की दिशा में कदम

सुरक्षाचक्र अभ्यास की शुरुआत

सुरक्षाचक्र अभ्यास: दिल्ली कैंट के मानेकशॉ सेंटर में 'EXERCISE SURAKSHA CHAKRA' नामक तीन दिवसीय समेकित आपदा प्रबंधन संगोष्ठी और मॉक एक्सरसाइज का आयोजन किया गया। यह अभ्यास दिल्ली एरिया के मुख्यालय के अंतर्गत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और दिल्ली, हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश की राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (SDMAs) के सहयोग से किया गया।


अभ्यास का उद्देश्य

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य दिल्ली-NCR क्षेत्र में संभावित आपदाओं, विशेषकर भूकंप और औद्योगिक रासायनिक खतरों के लिए तैयारियों का मूल्यांकन करना और विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय को सशक्त बनाना है। यह आयोजन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के 18 जिलों को कवर करेगा, जिसमें दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।


कार्यक्रम का उद्घाटन

राजेन्द्र सिंह ने शुरू की कार्यवाही 

इस कार्यक्रम का उद्घाटन NDMA के प्रमुख राजेन्द्र सिंह ने किया। उद्घाटन भाषण पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने दिया, जिसमें उन्होंने आपदा जोखिम का आकलन करने, संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने और आवश्यक संसाधनों की पूर्व-तैनाती की आवश्यकता पर जोर दिया।


आपदा खतरों की जानकारी

आपदा खतरों की विस्तृत जानकारी 

दिल्ली एरिया के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार ने दिल्ली क्षेत्र में आपदा खतरों की विस्तृत जानकारी साझा की और बताया कि विभिन्न एजेंसियां इन खतरों को कम करने के लिए किस प्रकार कार्य कर रही हैं।


प्रतिक्रिया क्षमताओं पर चर्चा

प्रतिक्रिया क्षमताओं पर चर्चा 

पहले दिन विशेषज्ञों ने NCR क्षेत्र में आपदा जोखिम, तैयारियों और प्रतिक्रिया क्षमताओं पर चर्चा की। इस दौरान एजेंसियों द्वारा उपयोग की जा रही उन्नत राहत एवं बचाव उपकरणों की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें NDRF और अन्य तकनीकी साझेदारों ने भाग लिया।


संयुक्त आपदा प्रबंधन व्यवस्था

संयुक्त आपदा प्रबंधन व्यवस्था 

यह संगोष्ठी भारत की संयुक्त आपदा प्रबंधन व्यवस्था को संस्थागत रूप देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसमें रणनीतिक योजना और जमीनी अनुभव को जोड़ा जा रहा है ताकि देश आपदाओं के प्रभाव को कम कर सके और तेजी से पुनर्निर्माण की दिशा में आगे बढ़ सके।


मॉक ड्रिल की योजना

एजेंसियों की भागीदारी 

एक सिम्युलेटेड मॉक ड्रिल 1 अगस्त 2025 को सभी एजेंसियों की भागीदारी से आयोजित की जाएगी, जिसमें रियल-टाइम आपातकालीन स्थिति का अभ्यास किया जाएगा।