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दिल्ली यूनिवर्सिटी चुनावों में आम आदमी पार्टी का नया कदम: आर्थिक मजबूरी से जूझते छात्रों को मिलेगा मौका

दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनावों में आम आदमी पार्टी का छात्र विंग एसैप ने एक नई पहल की है, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को चुनावी मैदान में उतारने का निर्णय लिया गया है। यह पहल 15 से 25 अगस्त तक चलेगी और इसमें आवेदन प्रक्रिया को सरल रखा गया है। संगठन का उद्देश्य साफ-सुथरी राजनीति को बढ़ावा देना है, जिससे छात्र राजनीति में बदलाव लाया जा सके। जानें इस पहल के पीछे का मकसद और इसके संभावित प्रभाव के बारे में।
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दिल्ली यूनिवर्सिटी चुनावों में आम आदमी पार्टी का नया कदम: आर्थिक मजबूरी से जूझते छात्रों को मिलेगा मौका

राष्ट्रीय समाचार:

दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव अक्सर धन और शक्ति के सहारे लड़े जाते हैं, लेकिन इस बार एक नई दिशा में कदम बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। आम आदमी पार्टी के छात्र विंग, एसैप, ने घोषणा की है कि वह ऐसे छात्रों को चुनाव में उतारेगा जो योग्य हैं, लेकिन आर्थिक कठिनाइयों के कारण चुनावी मैदान में नहीं आ पाते। यह पहल 15 अगस्त से 25 अगस्त तक चलेगी और इसमें प्राथमिकता उन छात्रों को दी जाएगी जो साधारण परिवारों से आते हैं।


आवेदन प्रक्रिया की सरलता

एसैप ने आवेदन प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल रखा है। डूसू चुनाव के लिए 50 प्रस्तावक और कॉलेज चुनाव के लिए 10 प्रस्तावक की आवश्यकता होगी। उम्मीदवारों को एक मिनट का वीडियो बनाकर अपने मुद्दों को प्रस्तुत करना होगा और 200 से 500 शब्दों में अपना एजेंडा लिखना होगा। इससे उनकी सोच और साथी छात्रों पर प्रभाव डालने की क्षमता का पता चलेगा।


साफ-सुथरी राजनीति का उद्देश्य

एसैप का लक्ष्य वैकल्पिक राजनीति के माध्यम से लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करना है। संगठन का मानना है कि कॉलेज और विश्वविद्यालय के चुनाव वह स्थान हैं जहां छात्र पहली बार लोकतंत्र का अनुभव करते हैं। यदि शुरुआत ईमानदारी और पारदर्शिता से होती है, तो भविष्य में राजनीति का चेहरा भी बेहतर हो सकता है।


धन-बल के खेल पर प्रहार

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज छात्र राजनीति में महंगी गाड़ियों, डिस्को पार्टियों और मूवी शो जैसी चीजें वोट पाने का साधन बन गई हैं। इससे साधारण परिवारों के छात्रों का मनोबल गिरता है। एसैप इस प्रवृत्ति को समाप्त करना चाहता है और वास्तविक मुद्दों पर आधारित चुनाव को बढ़ावा देना चाहता है।


काबिलियत की पहचान

बुराड़ी के विधायक संजीव झा ने कहा कि इस पहल में किसी की ताकत गाड़ियों या पैसों से नहीं, बल्कि उसकी योग्यता और नेतृत्व क्षमता से मापी जाएगी। उम्मीदवार की भाषण कला, सोच और कार्य करने की नीयत महत्वपूर्ण होगी। यह बदलाव छात्र राजनीति में एक नई मिसाल स्थापित कर सकता है।


दिल्ली से बाहर का मिशन

एसैप केवल दिल्ली विश्वविद्यालय तक सीमित नहीं रहेगा। योजना है कि जिन कॉलेजों में चुनाव नहीं होते, वहां भी छात्रों को इस पहल से जोड़ा जाएगा। भविष्य में दिल्ली के बाहर के विश्वविद्यालय भी इस अभियान का हिस्सा बन सकते हैं ताकि देशभर में साफ राजनीति का माहौल बने।


बदलाव के लिए अपील

संगठन ने उन सभी छात्रों से अपील की है जो राजनीति में बदलाव की इच्छा रखते हैं कि वे इस मुहिम का हिस्सा बनें। उनका कहना है कि यदि बदलाव लाना है तो इसकी शुरुआत कॉलेज से करनी होगी। यह अभियान एक छोटी शुरुआत है, लेकिन इसका प्रभाव भविष्य में बड़ा हो सकता है।