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दिल्ली विधानसभा ने विधायकों को दिए iPhone 16 Pro और टैबलेट्स

दिल्ली विधानसभा ने सभी 70 विधायकों को iPhone 16 Pro और टैबलेट्स प्रदान कर डिजिटल और पेपरलेस कार्यप्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस पहल के तहत NeVA प्रणाली का कार्यान्वयन किया गया है, जो विधानसभा के सभी दस्तावेजों और कार्यवाही को डिजिटल रूप में संचालित करता है। इस निर्णय के बाद राजनीतिक हलचल मच गई है, जहां भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। जनता की प्रतिक्रिया भी मिली-जुली रही है, कुछ इसे डिजिटल भारत की दिशा में एक सकारात्मक कदम मानते हैं, जबकि अन्य इसे गैर-जरूरी खर्च बता रहे हैं।
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दिल्ली विधानसभा ने विधायकों को दिए iPhone 16 Pro और टैबलेट्स

दिल्ली विधानसभा का डिजिटल कदम

दिल्ली विधानसभा का नया कदम: दिल्ली विधानसभा ने सोमवार को सभी 70 विधायकों को iPhone 16 Pro और टैबलेट्स प्रदान कर डिजिटल और पेपरलेस कार्यप्रणाली की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। इस पहल में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, विपक्षी विधायक और सभी मंत्री शामिल हैं। यह कदम विधानसभा में NeVA के पूर्ण कार्यान्वयन के साथ शुरू किया गया है।


NeVA प्रणाली का महत्व

NeVA, केंद्र सरकार की 'वन नेशन, वन एप्लिकेशन' योजना का एक हिस्सा है, जो विधानसभा के सभी दस्तावेजों, कार्यवाही और मतदान को डिजिटल रूप में संचालित करता है। इस मानसून सत्र में सभी विधायक पहली बार अपने नए उपकरणों के साथ शामिल हुए। अधिकारियों के अनुसार, विधायकों को पिछले महीने इस डिजिटल प्रणाली के लिए प्रशिक्षण दिया गया था।


नई तकनीकी सुविधाएं

आधुनिक तकनीक का समावेश

नई प्रणाली में RFID/NFC एक्सेस, रियल टाइम डॉक्यूमेंट व्यू, HD कैमरे, मल्टी लैंग्वेज सपोर्ट और स्मार्ट वोटिंग पैनल्स जैसी सुविधाएं शामिल हैं। इसके अलावा, विधानसभा अब पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित होने वाली देश की पहली विधानसभा बन गई है, जिसमें हाल ही में 500 किलोवॉट की रूफटॉप सोलर प्लांट की शुरुआत की गई है।


राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

राजनीतिक हलचल

हालांकि, इस निर्णय के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। मुख्यमंत्री और मंत्रियों के लिए मोबाइल फोन खरीद की अधिकतम सीमा को बढ़ाकर जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ने 1.5 लाख और 1.25 लाख कर दिया है। यह संशोधन 12 साल बाद किया गया है। पिछली बार यह सीमा 2013 में ₹50,000 निर्धारित की गई थी।


BJP और AAP के बीच विवाद

BJP और AAP के बीच आरोप-प्रत्यारोप

9 जुलाई को जारी इस आदेश के बाद भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। भाजपा ने इसे जनता के पैसे की बर्बादी बताया, जबकि सरकार ने इसे तकनीकी प्रगति और पारदर्शिता की दिशा में उठाया गया कदम बताया।


जनता की प्रतिक्रिया

जनता की मिली-जुली प्रतिक्रिया

जनता के बीच भी इस फैसले को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। एक ओर जहां इसे डिजिटल भारत की दिशा में पहल माना जा रहा है, वहीं दूसरी ओर कई लोग इसे गैर-जरूरी खर्च बता रहे हैं।