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दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों ने राष्ट्रीय केस स्टडी प्रतियोगिता में जीता पहला पुरस्कार

दिल्ली विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट कॉलेज के छात्रों ने 'वाणिज्य मंथन' नामक राष्ट्रीय केस स्टडी प्रतियोगिता में पहला पुरस्कार जीता है। उनकी टीम ने भारतीय खिलौना उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए एक अभिनव मॉडल प्रस्तुत किया, जिसमें 'वोकल फॉर लोकल' की भावना को शामिल किया गया। इस सफलता ने न केवल छात्रों का मान बढ़ाया है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि युवा पीढ़ी आर्थिक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है। जानें इस प्रतियोगिता के बारे में और क्या खास था उनकी प्रस्तुति में।
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दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों ने राष्ट्रीय केस स्टडी प्रतियोगिता में जीता पहला पुरस्कार

अकादमिक उत्कृष्टता का नया उदाहरण

दिल्ली विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट कॉलेज के छात्रों ने एक बार फिर से अपनी अकादमिक क्षमताओं का लोहा मनवाते हुए राष्ट्रीय स्तर की केस स्टडी प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त किया है। शाम्भवी झा, आस्था वर्मा और वंश गुप्ता की प्रतिभाशाली टीम ने यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह प्रतियोगिता 'वाणिज्य मंथन' नाम से दिल्ली विश्वविद्यालय के श्याम लाल कॉलेज (सांध्य) के वाणिज्य विभाग द्वारा आयोजित की गई थी।


टीम ने 'भारतीय खिलौना उद्योग को पुनर्जीवित करने' के विषय पर अपनी केस स्टडी प्रस्तुत की, जिसमें 'वोकल फॉर लोकल' की भावना पर जोर दिया गया, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। छात्रों ने 'टॉय-ट्रोव' (Toy-Trove) नामक एक काल्पनिक कंपनी का मॉडल पेश किया, जिसमें भारतीय खिलौना बाजार को पुनर्जीवित करने के लिए व्यावहारिक और नवोन्मेषी समाधान सुझाए गए।


आर्यभट्ट कॉलेज के प्रिंसिपल, प्रोफेसर ज्ञानतोष कुमार झा ने छात्रों की इस शानदार सफलता पर गर्व व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा, "यह जीत हमारे छात्रों की मेहनत और नवीनता को दर्शाती है।" प्रतियोगिता के संयोजक डॉ. पंकज कुमार ने भी विजेता टीम के गहन विश्लेषण और रचनात्मक समाधानों की सराहना की। इस जीत ने न केवल छात्रों और कॉलेज का मान बढ़ाया है, बल्कि यह भी साबित किया है कि युवा पीढ़ी देश की आर्थिक चुनौतियों के लिए अभिनव समाधान खोजने में सक्षम है।