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दिल्ली विस्फोट के बाद भारत की UN में अवैध हथियारों पर जीरो टॉलरेंस नीति की अपील

दिल्ली के लाल किले के पास हुए एक विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र में अवैध हथियारों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति की मांग की। भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष और अवैध हथियारों की तस्करी के खतरों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवादी बाहरी सहायता के बिना जीवित नहीं रह सकते और छोटे हथियारों का अवैध व्यापार सशस्त्र समूहों को मजबूत करता है। जानें इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर भारत की अपील के बारे में।
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दिल्ली विस्फोट के बाद भारत की UN में अवैध हथियारों पर जीरो टॉलरेंस नीति की अपील

दिल्ली में हुए विस्फोट का असर


नई दिल्ली: लाल किले के निकट हुए एक भयानक विस्फोट में कम से कम नौ लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हुए। इस घटना के कुछ समय बाद, भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अवैध हथियारों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने की मांग की। भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने यह बयान दिया।


UN में भारत की अपील

सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस में, हरीश ने भारत के आतंकवाद के खिलाफ लंबे संघर्ष का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत सीमा पार आतंकवाद से गंभीर रूप से प्रभावित है। आतंकवादी अवैध हथियारों का उपयोग करते हैं, जो अक्सर तस्करी के माध्यम से आते हैं। अब ड्रोन का भी उपयोग किया जा रहा है, जो पाकिस्तान की ओर इशारा करता है, हालांकि उन्होंने सीधे नाम नहीं लिया।


दिल्ली विस्फोट के बाद भारत ने UN से की अपील


पार्वथानेनी हरीश ने बताया कि आतंकवादी और सशस्त्र गैर-राज्य समूह बिना बाहरी सहायता के जीवित नहीं रह सकते। उन्हें धन, हथियार और समर्थन की आवश्यकता होती है। छोटे और हल्के हथियारों का अवैध व्यापार और हस्तांतरण सशस्त्र समूहों को मजबूत बनाता है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर जोर दिया, जिसमें हथियारों के हस्तांतरण को रोकना, तस्करी नेटवर्क को तोड़ना, सीमा नियंत्रण को मजबूत करना और खुफिया जानकारी साझा करना शामिल है।


अवैध हथियारों पर जीरो टॉलरेंस नीति की आवश्यकता


संयुक्त राष्ट्र के हथियार प्रतिबंधों को लगातार और निष्पक्ष तरीके से लागू किया जाना चाहिए। ये संघर्ष क्षेत्रों में हथियारों की आपूर्ति रोकने का एक महत्वपूर्ण साधन हैं। यह समस्या कई आयामों वाली है, जो विकास, सुरक्षा, मानवीय और सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों को प्रभावित करती है। इसका समाधान सुरक्षा उपायों और विकास कार्यों दोनों से होना चाहिए। इसमें मजबूत राष्ट्रीय कानून, समन्वित संगठन, रीयल-टाइम डेटा प्रबंधन, जोखिम रोकथाम और हथियार भंडार की सुरक्षा शामिल है।


भारत लंबे समय से आतंकवाद का शिकार रहा है। अवैध हथियारों की तस्करी सीमा पार से होती है, जो पड़ोसी देशों से जुड़ी है। ड्रोन के माध्यम से हथियारों की आपूर्ति की नई तकनीक ने खतरे को और बढ़ा दिया है।


आतंकवाद के खिलाफ भारत की अपील

'अवैध हथियारों पर लागू की जाए जीरो टॉलरेंस पॉलिसी'


सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में छोटे हथियारों पर खुली बहस में बोलते हुए, हरीश ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के लंबे संघर्ष पर प्रकाश डाला और अवैध हथियारों की तस्करी से उत्पन्न खतरे पर ज़ोर दिया। उन्होंने पाकिस्तान का परोक्ष रूप से उल्लेख करते हुए कहा, "भारत को हमारी सीमाओं के पार से अवैध हथियारों की तस्करी, जिसमें अब ड्रोन का इस्तेमाल भी शामिल है, के ज़रिए किए जाने वाले सीमा पार आतंकवाद का खामियाजा भुगतना पड़ा है।"


हरीश ने कहा कि आतंकवादी और सशस्त्र गैर-सरकारी तत्व बाहरी समर्थन, धन या हथियारों तक पहुंच के बिना खुद को जीवित नहीं रख सकते। उन्होंने जोर देकर कहा कि छोटे और हल्के हथियारों का अवैध व्यापार और उनका दुरुपयोग दुनिया भर में सशस्त्र समूहों को बनाए रखने का एक प्रमुख कारक बना हुआ है।