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दिल्ली हाई कोर्ट ने सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज की सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के खिलाफ याचिका खारिज की

दिल्ली उच्च न्यायालय ने तुर्की की कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया है। इस याचिका में कंपनी ने सरकार द्वारा सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के निर्णय को चुनौती दी थी। अदालत ने बताया कि यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में लिया गया है। जानें इस मामले के पीछे के कारण और सेलेबी के भारत में संचालन पर इसके प्रभाव के बारे में।
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दिल्ली हाई कोर्ट ने सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज की सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के खिलाफ याचिका खारिज की

दिल्ली उच्च न्यायालय का महत्वपूर्ण फैसला

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को तुर्की की कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया। इस याचिका में कंपनी ने सरकार द्वारा सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के निर्णय को चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने इस मामले में फैसला सुनाया। सेलेबी और उसकी सहयोगी कंपनी, सेलेबी दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, भारत के विभिन्न हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो सेवाएं प्रदान करती हैं। अदालत ने इस मामले में 23 मई को निर्णय सुरक्षित रखा था.


सुरक्षा मंजूरी रद्द करने का कारण

15 मई को नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) ने राष्ट्रीय सुरक्षा के कारणों का हवाला देते हुए सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी को रद्द कर दिया। यह कदम तुर्की द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करने और भारत के आतंकी ठिकानों पर हमलों की आलोचना के बाद उठाया गया, जिससे देश में व्यापक विरोध उत्पन्न हुआ।


सेलेबी समूह का भारत में इतिहास

सेलेबी, जो तुर्की के सेलेबी समूह का हिस्सा है, पिछले 15 वर्षों से भारत में सक्रिय है और नौ हवाई अड्डों पर 10,000 से अधिक लोगों को रोजगार देता है। कंपनी को नवंबर 2022 में सुरक्षा मंजूरी दी गई थी, जिसे अब रद्द कर दिया गया है.


केंद्र सरकार की दलीलें

केंद्र सरकार ने हलफनामे में कहा कि मौजूदा हालात में कंपनी की सेवाएं राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती हैं, इसलिए तत्काल निरस्तीकरण आवश्यक था। सरकारी वकील ने बताया कि यह कदम 'अभूतपूर्व खतरे' के मद्देनज़र उठाया गया है। सेलेबी के वकील ने तर्क दिया कि सरकार ने बिना पूर्व सूचना या सुनवाई का अवसर दिए मंजूरी रद्द की, जिससे प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन हुआ है। उनका कहना था कि बीसीएएस को पहले नोटिस देकर कारण बताना चाहिए था.


कोर्ट का आदेश और इसके प्रभाव

हालांकि, केंद्र ने कहा कि यह निर्णय 'राष्ट्रीय सुरक्षा' के हित में लिया गया है और जनता की भावना को देखते हुए आवश्यक था। अब कोर्ट के आदेश के साथ बीसीएएस का निर्णय प्रभावी हो गया है, जिसका असर सेलेबी के भारत में संचालन पर पड़ेगा.