दिल्ली हाई कोर्ट में 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज पर रोक लगाने की याचिका

जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका
नई दिल्ली: जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज को रोकने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का सहारा लिया है।
इस संगठन के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी द्वारा दायर याचिका में फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने और इसके ट्रेलर को सोशल मीडिया से हटाने की मांग की गई है।
'उदयपुर फाइल्स' की कहानी उदयपुर के दर्जी कन्हैयालाल साहू की हत्या, ज्ञानवापी मस्जिद विवाद, और नूपुर शर्मा के विवादास्पद बयान पर आधारित है। यह फिल्म 11 जुलाई को लगभग चार हजार सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। इस फिल्म के खिलाफ कई मुस्लिम संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया है और इसे बायकॉट करने की अपील की है। उनका आरोप है कि फिल्म में मुस्लिम समुदाय को गलत तरीके से दर्शाया गया है, जिससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है।
मुस्लिम संगठनों का कहना है कि फिल्म का कंटेंट समाज में नफरत और वैमनस्य को बढ़ावा दे सकता है। यह फिल्म मुस्लिम समुदाय को नकारात्मक रूप में प्रस्तुत करती है, जिससे सामाजिक सौहार्द को खतरा हो सकता है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि फिल्म के ट्रेलर को यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से तुरंत हटाया जाना चाहिए, क्योंकि यह पहले ही विवादों का कारण बन चुका है।
मौलाना अरशद मदनी द्वारा दायर इस याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में जल्द सुनवाई की संभावना है।
फिल्म का निर्देशन भारत एस. श्रीनाते ने किया है और इसमें विजय राज, रजनीश दुग्गल, प्रीति झंगियानी, और कमलेश सावंत जैसे कलाकार शामिल हैं।
निर्माताओं का कहना है कि 'उदयपुर फाइल्स' एक वास्तविक और संवेदनशील घटना को दर्शाती है, जो राष्ट्रीय चेतना पर गहरा प्रभाव डाल चुकी है। उनका दावा है कि फिल्म का उद्देश्य सच्चाई को उजागर करना है, न कि किसी विशेष समुदाय को निशाना बनाना।