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दिल्ली हाईकोर्ट ने अलगाववादी शब्बीर अहमद शाह की जमानत याचिका खारिज की

दिल्ली हाईकोर्ट ने कश्मीरी अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। शाह, जो पिछले छह वर्षों से जेल में हैं, पर जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने और आतंकवाद के लिए हवाला के जरिए धन जुटाने का आरोप है। अदालत ने उनकी अपील को खारिज करते हुए निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा। जानें इस मामले में और क्या हुआ है और शब्बीर के वकील ने क्या तर्क दिए हैं।
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दिल्ली हाईकोर्ट ने अलगाववादी शब्बीर अहमद शाह की जमानत याचिका खारिज की

दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला


शब्बीर अहमद शाह को एनआईए ने 4 जून 2019 को गिरफ्तार किया था


नई दिल्ली। कश्मीरी अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह, जो पिछले लगभग छह वर्षों से जेल में हैं, को एक बार फिर से झटका लगा है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया। यह फैसला गुरुवार को सुनाया गया, जबकि सुनवाई 28 मई को पूरी हो चुकी थी।


न्यायमूर्ति नवीन चावला और न्यायमूर्ति शालिंदर कौर की पीठ ने शाह की अपील को खारिज करते हुए निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा। इससे पहले, उच्च न्यायालय ने 28 मई को जमानत याचिका पर सुनवाई की थी और अब जमानत देने से इनकार कर दिया है।


शब्बीर अहमद शाह पर आरोप

इन आरोपों के चलते जेल में बंद है शाह


शब्बीर अहमद शाह पर जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने और आतंकवाद के लिए हवाला के जरिए धन जुटाने का आरोप है। उनके वकील ने अदालत को बताया कि इस मामले में कुल 400 गवाहों की गवाही होनी है, जिनमें से केवल 15 की जांच पूरी हुई है। बचाव पक्ष ने यह भी कहा कि ट्रायल लंबा चल सकता है, जिससे न्याय में देरी हो रही है।


गौरतलब है कि शब्बीर अहमद शाह को एनआईए ने 4 जून 2019 को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद से वह लगातार जमानत के लिए प्रयासरत हैं। एनआईए का आरोप है कि पाकिस्तान के आतंकियों के माध्यम से शब्बीर को हवाला फंडिंग मिलती थी, जिससे जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को संचालित किया जाता था।