दिल्ली हाईकोर्ट ने एयर प्यूरीफायर पर GST कम करने की याचिका पर केंद्र से मांगा जवाब
दिल्ली हाईकोर्ट ने एयर प्यूरीफायर पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) कम करने की याचिका पर केंद्र सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है। कोर्ट ने केंद्र को 10 दिनों के भीतर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी को होगी। केंद्र सरकार ने कहा कि GST काउंसिल की बैठक केवल आमने-सामने हो सकती है। याचिकाकर्ता ने एयर प्यूरीफायर पर गलत GST स्लैब के तहत टैक्स लगाने का आरोप लगाया है।
| Dec 26, 2025, 17:18 IST
दिल्ली हाईकोर्ट की सुनवाई
नई दिल्ली - एयर प्यूरीफायर पर लागू वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को कम करने की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से विस्तृत उत्तर मांगा है। कोर्ट ने केंद्र को 10 दिनों के भीतर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी को होगी।
केंद्र सरकार ने इस मामले में कहा कि एयर प्यूरीफायर पर जीएसटी में कमी या समाप्ति के लिए जीएसटी काउंसिल की बैठक केवल आमने-सामने हो सकती है, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नहीं।
जस्टिस विकास महाजन और जस्टिस विनोद कुमार की बेंच ने केंद्र को अपना काउंटर-एफिडेविट दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया। केंद्र की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एन. वेंकटरमन ने एयर प्यूरीफायर को मेडिकल डिवाइस के रूप में मान्यता देने की मांग वाली जनहित याचिका पर विस्तृत उत्तर देने के लिए समय मांगा।
जस्टिस महाजन की बेंच ने कहा, "एन. वेंकटरमन ने बताया कि जीएसटी काउंसिल की बैठक केवल आमने-सामने हो सकती है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक संभव नहीं है।" उन्होंने आगे कहा कि विस्तृत काउंटर एफिडेविट की आवश्यकता है और याचिकाकर्ता को इसके बाद जवाब दाखिल करने की अनुमति दी जाएगी। सुनवाई के दौरान वेंकटरमन ने याचिका की वैधता पर गंभीर आपत्ति जताई, यह कहते हुए कि यह पक्षपातपूर्ण है और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पक्षकार बनाए बिना दायर की गई है।
केंद्र सरकार के कानून अधिकारी ने कहा, "हमारी एक आपातकालीन बैठक हुई थी। हमें इस याचिका से चिंता है। हमें नहीं पता कि इसके पीछे कौन है। यह सही जनहित याचिका नहीं है। स्वास्थ्य विभाग भी पार्टी नहीं है।" उन्होंने कहा कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सहमत होना आवश्यक है। यदि किसी चीज पर वोटिंग होनी है, तो वह केवल आमने-सामने ही हो सकती है। एन. वेंकटरमन ने कहा कि निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना जीएसटी में कमी का निर्देश देना "पैंडोरा बॉक्स" खोल सकता है।
केंद्र सरकार के कानून अधिकारी ने कहा, "संसदीय समिति ने कुछ सिफारिशें की हैं। एक प्रक्रिया है। हम अभी कुछ नहीं कह सकते।" उन्होंने सुझाव दिया कि जनहित याचिका को जीएसटी काउंसिल के सामने एक प्रतिनिधित्व के रूप में माना जा सकता है। दूसरी ओर, याचिकाकर्ता ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन पर संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों का हवाला देते हुए केंद्र की आपत्तियों का जवाब दिया और कहा कि एयर प्यूरीफायर पर गलत जीएसटी स्लैब के तहत टैक्स लगाया जा रहा है। वकील मदन ने कहा कि नोटिफिकेशन से स्पष्ट है कि ये एक अलग शेड्यूल के तहत आते हैं और उन पर गलत तरीके से टैक्स लगाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि किसी भी देरी से राष्ट्रीय राजधानी में निवासियों की समस्याएं बढ़ेंगी, हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि काउंटर एफिडेविट मंगवाए बिना वह इस मामले में अंतिम निर्देश नहीं दे सकता। अब इस मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी को होगी।
