दुर्गापुर गैंगरेप मामले में ममता बनर्जी के बयान ने बढ़ाई विवाद की लहर

दुर्गापुर गैंगरेप की घटना
दुर्गापुर गैंगरेप मामला: दुर्गापुर के एक निजी मेडिकल कॉलेज की छात्रा के साथ हुई कथित गैंगरेप की घटना ने पूरे पश्चिम बंगाल में हलचल मचा दी है। इस घटना के बाद पुलिस जांच में जुटी हुई है, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हालिया बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कॉलेज प्रशासन से सवाल करने के बजाय छात्रा के देर रात बाहर होने पर टिप्पणी की, जिससे उनकी संवेदनशीलता पर सवाल उठने लगे हैं।
घटना का विवरण
यह घटना शुक्रवार रात की बताई जा रही है, जब ओडिशा की निवासी दूसरी वर्ष की छात्रा अपने एक मित्र के साथ कॉलेज परिसर से बाहर भोजन के लिए गई थी। पुलिस के अनुसार, छात्रा के साथ कुछ लोगों ने नजदीकी जंगल में दुष्कर्म किया और उसका मोबाइल छीन लिया। रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ममता बनर्जी ने कहा, 'वह निजी मेडिकल कॉलेज में पढ़ रही थी, यह कॉलेज किसकी जिम्मेदारी में आता है? वह रात 12:30 बजे कैसे बाहर निकली? यह घटना जंगल में हुई है, जांच जारी है।'
हमला रात 10 बजे से पहले हुआ
पीड़िता के माता-पिता ने बताया कि उन्हें शुक्रवार रात करीब 9:30 बजे सहपाठियों का फोन आया कि उनकी बेटी के साथ दुष्कर्म हुआ है। शनिवार सुबह वे दुर्गापुर पहुंचे, जहां उनकी बेटी अस्पताल में भर्ती मिली। पीड़िता की मां ने कहा, 'वह अपने दोस्त के साथ खाना खाने गई थी, तभी तीन लोग उनका पीछा करने लगे। उसका दोस्त भाग गया और पांच लोगों ने मेरी बेटी को पकड़ लिया।' उन्होंने यह भी कहा कि अपराधियों ने मोबाइल लौटाने के लिए पैसे मांगे और जान से मारने की धमकी दी।
सोशल मीडिया पर ममता का बयान
#WATCH | Kolkata, WB: On the alleged gangrape of an MBBS student in Durgapur, CM Mamata Banerjee says, "This is a private college. Three weeks ago, three girls were raped on the beach in Odisha. What action is being taken by the Odisha government?... The girl was studying in a… pic.twitter.com/ugQrQwNeW7
— News Media (@NewsMedia) October 12, 2025
सोशल मीडिया पर ममता बनर्जी का बयान तेजी से फैल गया है। कई उपयोगकर्ताओं और महिला संगठनों ने इसे 'विक्टिम ब्लेमिंग' करार दिया है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री को पीड़िता की सुरक्षा और न्याय पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि यह पूछना चाहिए कि वह देर रात बाहर क्यों थी। राज्य की विपक्षी पार्टियों ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बयान पुलिस की निष्क्रियता से ध्यान भटकाने की कोशिश है।
सरकार और कॉलेज प्रशासन पर दबाव
अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम किए थे या नहीं। इस घटना ने बंगाल के निजी कॉलेजों में सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि निजी कॉलेजों को अपनी छात्राओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और उन्हें देर रात बाहर नहीं जाने देना चाहिए। पुलिस ने मामले में कई लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है और पीड़िता के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है।