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देशभर में मौसम में बदलाव: यूपी-बिहार में बारिश का अलर्ट

देशभर में मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है, खासकर यूपी और बिहार में जहां 18 सितंबर तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इस वर्ष मानसून ने सामान्य से अधिक सक्रियता दिखाई है, जिससे बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाएं भी आई हैं। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इस बार सर्दियां सामान्य से अधिक ठंडी हो सकती हैं। जानें मौसम का पूरा अपडेट और किसानों पर इसका प्रभाव।
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देशभर में मौसम में बदलाव: यूपी-बिहार में बारिश का अलर्ट

मौसम में बदलाव

देश के मौसम में अब एक नया बदलाव देखने को मिल रहा है। उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में बारिश का सिलसिला थम गया है, लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार में 18 सितंबर तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।


मानसून की सक्रियता

इस वर्ष मानसून ने सामान्य से अधिक सक्रियता दिखाई है, जिसके कारण बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाएं भी देखने को मिलीं। सर्दियों के आगमन के साथ मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इस बार ठंड अधिक तीव्र हो सकती है।


उत्तर भारत का मौसम

हाल के दिनों में उत्तर भारत में भारी बारिश का सिलसिला लगभग रुक गया है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फिलहाल बारिश की संभावना कम है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, अगले सप्ताह तक इन क्षेत्रों में मौसम साफ रहने की उम्मीद है।


हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड

हालांकि, पहाड़ी राज्यों जैसे हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। रातें अब ठंडी होने लगी हैं, और मौसम विभाग का कहना है कि इस साल सर्दियां सामान्य से अधिक ठंडी रहेंगी।


मॉनसून की विदाई

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की विदाई 15 सितंबर से शुरू हो सकती है। आमतौर पर, यह जून में केरल से शुरू होता है और जुलाई तक पूरे देश में फैल जाता है।


यूपी और बिहार में बारिश

जबकि राजस्थान और पश्चिमी भारत में मॉनसून विदाई की ओर बढ़ रहा है, यूपी और बिहार में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। मौसम विभाग ने 18 सितंबर तक कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है।


इस वर्ष की बारिश का महत्व

इस साल, मॉनसून 24 मई को केरल पहुंचा, जो 2009 के बाद सबसे जल्दी था। पूरे देश में औसत से 7% अधिक बारिश हुई, जो सामान्य 778.6 मिमी के मुकाबले 836.2 मिमी रही।


पंजाब और हिमाचल में बाढ़

पंजाब में दशकों बाद सबसे भयानक बाढ़ देखी गई, जिससे हजारों हेक्टेयर खेत डूब गए और लाखों लोग बेघर हुए। हिमाचल और उत्तराखंड में बादल फटने और भूस्खलन से सड़कें और पुल तबाह हो गए।


सर्दियों का अनुमान

मौसम विभाग का अनुमान है कि इस बार 'ला नीना' के कारण सर्दियां सामान्य से अधिक ठंडी होंगी। अमेरिकी मौसम एजेंसी के अनुसार, अक्टूबर से दिसंबर 2025 के बीच ला नीना के सक्रिय होने की 71% संभावना है।


ला नीना का प्रभाव

ला नीना एक प्राकृतिक मौसमी घटना है, जो प्रशांत महासागर के पानी के ठंडा होने से होती है। यह विश्व के मौसम को प्रभावित करती है, जिससे भारत में मॉनसून अच्छा रहता है और सर्दियां कड़ाके की पड़ती हैं।


किसानों और आम लोगों पर प्रभाव

मॉनसून की विदाई और ठंड की शुरुआत का असर खेती और रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ेगा। उत्तर भारत में रबी फसलों की बुवाई का समय शुरू होने वाला है।