देहरादून में बादल फटने से आई बाढ़, टपकेश्वर महादेव मंदिर हुआ प्रभावित

बादल फटने की घटना
देहरादून: सहस्रधारा क्षेत्र में सोमवार रात को बादल फटने की घटना हुई, जिससे कारलीगाढ़ नदी में बाढ़ आ गई। इस प्राकृतिक आपदा के कारण आसपास के क्षेत्रों में व्यापक नुकसान हुआ है। प्रशासन ने 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है। बाढ़ के कारण टपकेश्वर महादेव मंदिर भी डूब गया। पुजारी ने बताया कि सुबह 5 बजे नदी में बाढ़ आई, जिससे पूरा मंदिर जलमग्न हो गया और कई मूर्तियां बह गईं, लेकिन गर्भगृह सुरक्षित है। पानी उतरने पर मंदिर में 2 फीट मलबा देखा गया।
नुकसान और प्रशासन की प्रतिक्रिया
जानकारी के अनुसार, लगातार बारिश के कारण नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया, जिससे एक महत्वपूर्ण पुल ढह गया और नदी किनारे की संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, दर्जनों दुकानें या तो पूरी तरह से नष्ट हो गईं या बह गईं। इसके अलावा, बाढ़ के तेज बहाव के कारण दो होटल भी ढह गए हैं।
आपदा प्रबंधन और राहत कार्य
जिला प्रशासन ने आपदा की सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई की। जिला मजिस्ट्रेट सविन बंसल ने सभी संबंधित विभागों के साथ मिलकर राहत कार्य शुरू किया। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, लोक निर्माण विभाग और अन्य आपातकालीन सेवाओं को घटनास्थल पर भेजा गया। प्रशासन ने नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य शुरू कर दिया है।
लापता व्यक्तियों की खोज
अधिकारियों ने पुष्टि की है कि दो लोग लापता हैं और उनकी खोज के लिए अभियान जारी है। आपदा की गंभीरता को देखते हुए सभी संबंधित विभागों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम कुमकुम जोशी ने राहत कार्यों की निगरानी की।
निवासियों के लिए चेतावनी
प्रशासन ने निवासियों से सतर्क रहने और आधिकारिक निर्देशों का पालन करने की अपील की है। हालांकि बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है, लेकिन प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया और प्रयासों का लक्ष्य नुकसान को कम करना और प्रभावित परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। लापता व्यक्तियों की खोज और पीड़ितों को सहायता प्रदान करना प्रशासन की प्राथमिकता है।
पिछली घटनाएं
इससे पहले अगस्त में उत्तराखंड के चमोली जिले के देवाल तहसील के मोपाटा गांव में भी बादल फटने की घटना हुई थी, जिसमें दो लोग लापता हो गए थे। उस घटना में एक आवासीय मकान और एक गोशाला क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसमें 15 से 20 पशुओं के दबे होने की आशंका थी।