देहरादून में बादल फटने से बाढ़, प्रशासन ने शुरू किया राहत कार्य

देहरादून में बाढ़ की स्थिति
देहरादून के सहस्रधारा क्षेत्र में सोमवार रात को बादल फटने की घटना हुई। अचानक आई बाढ़ ने कारलीगाढ़ नदी में जलस्तर को बढ़ा दिया, जिससे आसपास के क्षेत्रों में व्यापक नुकसान हुआ।
लगातार हो रही बारिश के कारण नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया, जिसके परिणामस्वरूप एक महत्वपूर्ण पुल ढह गया और नदी किनारे की संपत्तियों को गंभीर नुकसान हुआ।
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, नदी के किनारे स्थित कई दुकानें या तो पूरी तरह से नष्ट हो गईं या बह गईं। इसके अलावा, बाढ़ के तेज बहाव के कारण दो होटल भी ढह गए हैं।
जिला प्रशासन ने आपदा की सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई की। जिला मजिस्ट्रेट सविन बंसल ने सभी संबंधित विभागों के साथ मिलकर राहत कार्य शुरू किया।
एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और अन्य आपातकालीन सेवाओं को घटनास्थल पर भेजा गया। प्रशासन ने नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य शुरू कर दिया है।
अधिकारियों ने बताया कि दो लोग लापता हैं और उनकी खोज के लिए अभियान जारी है। आपदा की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों को हाई अलर्ट पर रखा है। राहत कार्य तेजी से किए जा रहे हैं।
जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम कुमकुम जोशी ने घटनास्थल पर पहुंचकर राहत कार्यों की निगरानी की।
प्रशासन ने निवासियों से सतर्क रहने और आधिकारिक निर्देशों का पालन करने की अपील की है। हालाँकि, बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है, लेकिन प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया और प्रयासों का उद्देश्य नुकसान को कम करना और प्रभावित परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। लापता लोगों की खोज और पीड़ितों को सहायता प्रदान करना प्रशासन की प्राथमिकता है।
इससे पहले अगस्त में उत्तराखंड के चमोली जिले के देवाल तहसील के मोपाटा गांव में भी बादल फटने की घटना हुई थी, जिसमें दो लोग लापता हो गए थे। उस घटना में एक आवासीय मकान और एक गोशाला क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसमें 15 से 20 पशुओं के दबे होने की आशंका थी।