देहरादून में बादल फटने से मची तबाही: राहत कार्य जारी

देहरादून में बादल फटने की घटना
Cloud burst in Dehradun: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मंगलवार की सुबह भारी बारिश के दौरान बादल फटने से व्यापक नुकसान हुआ है। इस अचानक आई आपदा के चलते कई घर और सड़कें बर्बाद हो गईं, जबकि तेज़ बहाव में कई दुकानें और वाहन बह गए। प्रशासन ने बताया कि इस घटना में दो लोग लापता हैं, जिनकी खोज के लिए राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है।
घटना की जानकारी और बचाव कार्य
देर रात की घटना
यह घटना देर रात की है। स्थानीय निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया ताकि किसी भी प्रकार का नुकसान न हो। लापता व्यक्तियों की खोज के लिए पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें सक्रिय रूप से सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि प्राथमिकता लोगों की जान बचाना और प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना है।
जैसे ही घटना की सूचना मिली, जिलाधिकारी सविन बंसल, उप-मंडल मजिस्ट्रेट कुमकुम जोशी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने नुकसान का आकलन किया और रेस्क्यू टीमों को निर्देश दिया कि लापता लोगों की खोज में कोई ढिलाई न बरती जाए। जिलाधिकारी ने स्थानीय निवासियों को आश्वस्त किया कि प्रशासन हर संभव सहायता प्रदान करेगा।
बचाव कार्य की स्थिति
बचाव कार्य जारी
बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और लोक निर्माण विभाग (PWD) की संयुक्त टीम लगी हुई है। भारी मलबा हटाने और रास्ते साफ करने के लिए बुलडोजर और अन्य मशीनरी का उपयोग किया जा रहा है। कई स्थानों पर सड़कें टूटने और पानी भरने के कारण यातायात बाधित हो गया है, जिसे सुधारने का प्रयास किया जा रहा है।
इस प्राकृतिक आपदा के कारण देहरादून के कई क्षेत्रों में भय का माहौल है। लोग अपने घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं। प्रशासन प्रभावित क्षेत्रों में लगातार निगरानी रख रहा है। अधिकारी यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि राहत और बचाव कार्य किसी भी स्थिति में बाधित न हों।
स्कूलों की बंदी
कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूल बंद
जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर आदेश जारी किया है कि देहरादून जिले में कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूल अगले आदेश तक बंद रहेंगे। इसका उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और यात्रा के दौरान किसी भी दुर्घटना को रोकना है।
देहरादून में हुई इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम में बदलाव और अत्यधिक वर्षा किस प्रकार गंभीर तबाही का कारण बन सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु असंतुलन के चलते भविष्य में ऐसी घटनाएं और बढ़ सकती हैं।