देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी का दीक्षांत समारोह: 48 कैडेट्स बने नए अधिकारी

दीक्षांत समारोह का आयोजन
देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी के चेटवोड हॉल में शुक्रवार को एक उत्सव का माहौल देखने को मिला। यहां आर्मी कैडेट कॉलेज विंग के 48 कैडेट्स ने अपनी कठिन शैक्षणिक और सैन्य प्रशिक्षण यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा किया और दीक्षांत समारोह में भाग लिया।
गर्वित माता-पिता और प्रशिक्षक
इस विशेष अवसर पर कैडेट्स के माता-पिता, प्रशिक्षक और विशिष्ट अतिथिगण उपस्थित थे। ये सभी कैडेट्स भविष्य में सेना में नेतृत्व प्रदान करेंगे। भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के लेफ्टिनेंट जनरल नागेंद्र सिंह ने इन कैडेट्स को नई दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्रदान की। इनमें से 18 कैडेट्स को विज्ञान और 30 को मानविकी में डिग्री मिली।
जेएनयू की मान्यता
यह ध्यान देने योग्य है कि जेएनयू की डिग्री एनडीए और आईएमए के कैडेट्स को दी जाती है। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, कैडेट्स को यह डिग्री प्रदान की जाती है, जो जेएनयू द्वारा मान्यता प्राप्त होती है। आर्मी कैडेट कॉलेज भारतीय सेना का एक प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान है, जो कैडेट्स को आईएमए में प्रशिक्षित अधिकारियों के रूप में तैयार करता है।
तीन वर्षों का प्रशिक्षण
तीन वर्षों के इस गहन प्रशिक्षण में शैक्षणिक, मानसिक, शारीरिक और सैन्य शिक्षा का समावेश होता है। जुलाई 2025 में ये सभी कैडेट्स एक वर्षीय प्रारंभिक कमीशन प्रशिक्षण के लिए आईएमए में शामिल होंगे। लेफ्टिनेंट जनरल नागेंद्र सिंह ने इस अवसर पर सभी कैडेट्स को उनकी इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई दी।
पुरस्कार विजेता कैडेट्स
इस पाठ्यक्रम के पुरस्कार विजेताओं में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ गोल्ड मेडल विंग कैडेट कप्तान प्रवीण कुमार को मिला। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ सिल्वर मेडल के लिए प्लाटून कैडेट कप्तान अमित कुंतल का चयन हुआ। इसके अलावा, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ब्रॉन्ज मेडल के लिए कंपनी कैडेट कप्तान अमितदीप सिंह को सम्मानित किया गया।
समारोह का समापन
समापन पर, लेफ्टिनेंट जनरल नागेंद्र सिंह ने ब्रिगेडियर पीयूष खुराना और उनकी टीम को कैडेट्स के विकास में उनके योगदान के लिए सराहा। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह समारोह कैडेट्स की तीन वर्षों की यात्रा का प्रतीक था, जिसमें अभिभावकों का गर्व और प्रशिक्षकों की संतुष्टि देखने को मिली।