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धनंजय सिंह को दोहरे हत्याकांड में मिली बरी होने की राहत

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में 15 साल पहले हुए दोहरे हत्याकांड में पूर्व सांसद धनंजय सिंह को बरी कर दिया गया है। कोर्ट ने उन्हें राजनीतिक द्वेष के चलते फंसाने का आरोप लगाया। इस मामले में कुल 28 गवाहों में से अधिकांश ने अपने बयान बदल दिए। धनंजय सिंह ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कहा कि उन्हें इस हत्याकांड में कोई संलिप्तता नहीं थी। उनके बरी होने के बाद समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई।
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धनंजय सिंह को दोहरे हत्याकांड में मिली बरी होने की राहत

जौनपुर में दोहरे हत्याकांड का मामला

जौनपुर बेलाव घाट डबल मर्डर केस: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में 15 साल पहले हुए दोहरे हत्याकांड ने काफी हलचल मचाई थी। अब, एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह सहित चार आरोपियों को बरी कर दिया है। धनंजय सिंह ने कोर्ट के फैसले पर विश्वास जताते हुए कहा कि उन्हें राजनीतिक द्वेष के कारण फंसाया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि इस हत्या में उनका कोई संबंध नहीं है। कोर्ट से बरी होने के बाद उन्होंने राहत की सांस ली, और उनके समर्थक भी कोर्ट रूम के बाहर मौजूद थे। उनके बरी होते ही समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई।


हत्याकांड की पृष्ठभूमि

टीवी 9 की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना एक अप्रैल 2010 की है, जब केराकत कोतवाली क्षेत्र के बेलाव घाट पर ठेकेदारी के विवाद के चलते संजय निषाद और नंदलाल निषाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड ने जिले में हड़कंप मचा दिया था। हत्या का आरोप सुनीत और पुनीत पर लगा था, और पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी।


धनंजय सिंह पर लगे आरोप

साजिश का आरोप

इस मामले में तत्कालीन बसपा सांसद धनंजय सिंह और उनके करीबी आशुतोष सिंह पर साजिश का आरोप लगाया गया था। पुलिस ने जांच के दौरान धनंजय सिंह और आशुतोष को आरोपी बनाते हुए कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी।


गवाहों के बयान में बदलाव

पुलिस ने इस मामले में कुल 28 गवाहों को कोर्ट में पेश किया, लेकिन अधिकांश गवाह अपने बयान से पलट गए। अंततः, कोर्ट ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह और अन्य चार आरोपियों को बरी कर दिया, क्योंकि सबूतों और गवाहों की कमी थी।


कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया

धनंजय सिंह का बयान

जौनपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट से बरी होने के बाद, धनंजय सिंह ने इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया था। उनके बरी होने के बाद समर्थकों में खुशी का माहौल है।