धर्मगुरु चैतन्यानंद सरस्वती की गिरफ्तारी: मानव तस्करी के बड़े नेटवर्क का खुलासा

धर्मगुरु की गिरफ्तारी और जांच
नई दिल्ली। वसंत कुंज के एसआरआईएसआईआईएम संस्थान में 17 छात्राओं के यौन शोषण के आरोप में स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती, जिन्हें पार्थ सारथी के नाम से भी जाना जाता है, को 29 सितंबर को गिरफ्तार किया गया। पुलिस की जांच में यह सामने आया है कि बाबा का दुबई से संबंध है। उनके फोन के व्हाट्सएप चैट्स में दुबई के अमीर शेखों के लिए कॉलेज की लड़कियों की सप्लाई करने की चर्चा की गई है, जो मानव तस्करी के एक बड़े नेटवर्क की ओर इशारा करता है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 29 सितंबर की सुबह आगरा के ताजगंज क्षेत्र में एक होटल से चैतन्यानंद को पकड़ा। वह पिछले दो महीनों से पुलिस से बचते हुए फरार था। पुलिस ने उसके पास से एक आईपैड और तीन मोबाइल फोन बरामद किए, जिनमें से एक फोन से संस्थान के सीसीटीवी और छात्रावास तक रिमोट एक्सेस किया गया था। पूछताछ के दौरान बाबा ने गोलमोल जवाब दिए, लेकिन फोन की रिकवरी से डिलीट चैट्स सामने आईं। इन चैट्स में बाबा ने छात्राओं से अश्लील बातें की हैं और विदेशी कनेक्शन का स्पष्ट संकेत मिला है।
लंदन के नंबर से चल रहा था व्हाट्सएप
पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि फरारी के दौरान बाबा लंदन का नंबर इस्तेमाल कर रहा था और उसी नंबर से वह व्हाट्सएप चला रहा था। इसी नंबर के माध्यम से वह कई लड़कियों के संपर्क में था। बाबा लड़कियों को विभिन्न प्रलोभनों के जरिए आकर्षित करता था। जांच में यह भी सामने आया कि उसने एक लड़की को संदेश भेजा था जिसमें कहा गया था कि दुबई का एक शेख सेक्स पार्टनर चाहता है। यदि तुम्हारी कोई अच्छी दोस्त, क्लासमेट या जूनियर हो, तो उसे भेज दो। यह संदेश एक संगठित सप्लाई रैकेट की ओर इशारा करता है। चैट्स से स्पष्ट होता है कि चैतन्यानंद धार्मिक चोले और संस्थान की आड़ में लड़कियों को बहलाकर विदेश भेजने की योजना बना रहा था।