धर्मशाला में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ का वार्षिक सम्मेलन 30 जून से

धर्मशाला में सम्मेलन की तैयारी
धर्मशाला - हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 30 जून और 1 जुलाई को राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) भारत क्षेत्र-II का वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने यह जानकारी जिला अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक में दी। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह दो दिवसीय कार्यक्रम तपोवन विधानसभा परिसर में होगा, जिसमें छह राज्यों के वक्ताओं को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।
पठानिया ने बताया कि सम्मेलन का मुख्य विषय है, ‘डिजिटल युग में सुशासन: संसाधनों का प्रबंधन, लोकतंत्र का संरक्षण एवं नवाचार का अंगीकरण।’ इस पर चर्चा के लिए तीन प्रमुख विषय निर्धारित किए गए हैं। 30 जून को संसाधन प्रबंधन और राज्य विकास में विधानसभाओं की भूमिका पर चर्चा होगी। अगले दिन, 1 जुलाई को, सुबह के सत्र में अयोग्यता पर चर्चा की जाएगी, जबकि दोपहर के सत्र में विधानसभाओं में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग पर विचार किया जाएगा।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला करेंगे, जबकि राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला समापन समारोह की अध्यक्षता करेंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, राज्यसभा के उपसभापति डॉ. हरिवंश नारायण सिंह, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। सांसदों और विधायकों सहित विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि 29 जून से धर्मशाला पहुंचना शुरू करेंगे, और विधानसभा परिसर 2 जुलाई से पर्यटकों के लिए खोला जाएगा।
पठानिया ने कहा कि यह पहली बार है जब सीपीए क्षेत्र-II का वार्षिक सम्मेलन धर्मशाला में आयोजित किया जा रहा है, जो इस प्रमुख पहाड़ी शहर के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा, आवास, प्रोटोकॉल और यातायात सहित सभी व्यवस्थाओं को जिला प्रशासन और विधानसभा सचिवालय द्वारा अंतिम रूप दिया जा रहा है।
बैठक में उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, मंडलायुक्त आरके परूथी, पुलिस महानिरीक्षक अभिषेक दुल्लर, विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा, उपायुक्त हेमराज बैरवा, पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री, नगर निगम धर्मशाला के आयुक्त जफर इकबाल, और विधानसभा के मुख्य प्रवक्ता हरदयाल भारद्वाज सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.