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धुले में जल शुद्धीकरण केंद्र की स्थिति चिंताजनक, सुरक्षा पर उठे सवाल

महाराष्ट्र के धुले में बाबले जल शुद्धीकरण केंद्र की स्थिति बेहद चिंताजनक है। रिसाव, सुरक्षा की कमी और आवारा जानवरों की मौजूदगी ने इस केंद्र की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय नेताओं ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई है और सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं व्यक्त की हैं। केंद्र की इमारतें जर्जर हो चुकी हैं और केवल 10 कर्मचारियों पर निर्भरता है। क्या धुलेकरों का पानी सुरक्षित है? जानें पूरी कहानी।
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धुले में जल शुद्धीकरण केंद्र की स्थिति चिंताजनक, सुरक्षा पर उठे सवाल

धुले के जल शुद्धीकरण केंद्र की दयनीय स्थिति

महाराष्ट्र समाचार: महाराष्ट्र के धुले शहर में स्थित बाबले जल शुद्धीकरण केंद्र वर्तमान में गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है। यहां की हर दिशा किसी न किसी संकट से ग्रस्त है। रिसाव, सुरक्षा की कमी, झाड़ियों से घिरा परिसर, बंद सीसीटीवी कैमरे और आवारा जानवरों की मौजूदगी ने इस महत्वपूर्ण केंद्र की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।


क्या धुलेकरों का पानी सुरक्षित है?

मराठा क्रांति मोर्चा के जिला अध्यक्ष प्रदीप जाधव ने बाबले जल शुद्धीकरण केंद्र की स्थिति पर अपनी कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि 'यह केवल एक पानी का टैंक नहीं है, बल्कि लाखों लोगों की सेहत का मामला है।' उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब इस केंद्र की सुरक्षा व्यवस्था ही कमजोर है, तो क्या यहां से मिलने वाला पानी सुरक्षित माना जा सकता है?


दीवारों में रिसाव, भवन की स्थिति खराब

इस केंद्र की इमारतें लगभग 35-40 साल पुरानी हैं और अब जर्जर हो चुकी हैं। दीवारों से पानी रिस रहा है, कई कमरों की खिड़कियां और दरवाजे टूट चुके हैं, जिससे कर्मचारियों को असुरक्षित और असुविधाजनक स्थिति में काम करना पड़ रहा है।


सिर्फ 10 कर्मचारियों पर निर्भरता

यहां की देखभाल केवल 10 कर्मचारियों पर निर्भर है, जो कि एक बड़े शुद्धीकरण केंद्र के लिए बेहद कम है। इसके अलावा, सुरक्षा के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे भी बंद पड़े हैं। हाल ही में सोनगिर जलकुंड में एक मरा हुआ सूअर पाया गया था, और अब बाबले केंद्र के परिसर में आवारा जानवरों की आवाजाही इसी तरह की किसी अनहोनी का संकेत दे रही है। यदि समय पर कदम नहीं उठाए गए, तो एक बड़ी दुर्घटना हो सकती है।


10 साल की मांग, सुधार की प्रक्रिया धीमी

स्थानीय कर्मचारियों ने पिछले 10 वर्षों में कई बार नगर निगम को केंद्र की स्थिति सुधारने के लिए पत्र लिखा है, लेकिन अब तक केवल सुरक्षा दीवार का काम ही किया गया है। अन्य आवश्यक सुधार अभी भी लंबित हैं। इस पर धुले महानगरपालिका की आयुक्त डॉ. अमिता डगडे पाटिल ने केंद्र की स्थिति को स्वीकार करते हुए कहा कि 'अमृत योजना के तहत सुधार कार्य जल्द शुरू किए जाएंगे।' उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया कि केंद्र की स्थिति को गंभीरता से लिया जा रहा है।