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धूमधाम से मनाया गया जन्माष्टमी पर्व, श्रद्धालुओं ने मांगी मन्नतें

जन्माष्टमी पर्व पर जिलेभर में श्रद्धालुओं ने धूमधाम से भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया। भक्तों ने मंदिरों में जाकर कान्हा जी को झूला झुलाया और विशेष सजावट के बीच पूजा अर्चना की। सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने पुलिसकर्मियों को तैनात किया। जानें इस पर्व की खासियतें और श्रद्धालुओं की भीड़ के बारे में।
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धूमधाम से मनाया गया जन्माष्टमी पर्व, श्रद्धालुओं ने मांगी मन्नतें

जन्माष्टमी पर्व की धूमधाम


जन्माष्टमी का पर्व शनिवार को जिले में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। भक्तों ने मंदिरों में जाकर कान्हा जी को झूला झुलाया और शाम को झांकियों का आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए। पूरे दिन श्रद्धालु मंदिरों में कान्हा जी को झूला झुलाने के लिए आते रहे। मंदिरों में विशेष सजावट की गई थी और झांकियां भी सजाई गई थीं।


व्रत और पूजा का आयोजन

भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय तक व्रत रखा और फिर विधिपूर्वक व्रत खोला। जन्माष्टमी के अवसर पर रानी तालाब स्थित भूतेश्वर मंदिर, सोमनाथ मनसा देवी, जयंती देवी, शिव मंदिर, माता वैष्णवी धाम, रघुनाथ मंदिर, रामा-कृष्ण मंदिर, सोहम आश्रम सहित शहर के सभी मंदिरों में श्रद्धालु पूजा करने पहुंचे।


सुबह से ही भगवान कृष्ण के दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी। मंदिरों में भगवान श्री कृष्ण को झूले पर बैठाया गया और भक्तों में झूला झुलाने की होड़ लगी रही। जन्माष्टमी के पर्व को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किया था।


सुरक्षा के इंतजाम

जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण का जन्मदिन पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। शनिवार को भक्तों ने कान्हा जी को झूला झुलाने के लिए बड़ी संख्या में मंदिरों में पहुंचकर उत्साह दिखाया।


मंदिर में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वालेंटियर्स की ड्यूटी लगाई गई थी, ताकि श्रद्धालु कान्हा जी को झूला झुलाने के बाद आगे बढ़ सकें।