नंदुरबार बस दुर्घटना में 8 लोगों की मौत, जांच शुरू

नंदुरबार में बस दुर्घटना का मंजर
दुर्घटना में 8 की जान गई: शनिवार सुबह नंदुरबार जिले के चांदशाली घाट पर एक निजी बस के गहरी खाई में गिरने से अफरातफरी मच गई। यह बस श्रद्धालुओं को अष्टांबा देवी मंदिर से वापस ला रही थी, जहां लोग नवरात्र के अवसर पर दर्शन के लिए गए थे।
इस हादसे में बस पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई और कई यात्री बस से बाहर गिर गए। घटनास्थल पर मौजूद स्थानीय लोगों ने राहत कार्य शुरू किया और पुलिस को सूचित किया।
ड्राइवर का नियंत्रण खोना
घाट पर नियंत्रण खोया ड्राइवर:
जांच में पता चला है कि ड्राइवर ने चांदशाली घाट की तीखी ढलान पर बस से नियंत्रण खो दिया। यह मार्ग अपनी खतरनाक ढलानों के लिए जाना जाता है। पुलिस के अनुसार, जैसे ही बस मोड़ पर मुड़ी, ड्राइवर उसे संभाल नहीं सका और बस सीधे खाई में गिर गई। हादसे के बाद वहां चीख-पुकार मच गई। कुछ यात्रियों को ग्रामीणों ने रस्सियों की मदद से बाहर निकाला, जबकि अन्य को खाई से निकालने में घंटों लग गए।
घायलों का उपचार और मृतकों की पहचान
घायलों का इलाज जारी:
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। घायलों को पहले तालोदा के उपजिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को जिला अस्पताल भेजा गया। सभी मृतकों के शवों का पोस्टमॉर्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया है। पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान हो चुकी है और परिजनों को सूचित कर दिया गया है। प्रशासन ने पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
अष्टांबा देवी मंदिर का महत्व
श्रद्धा का केंद्र:
अष्टांबा देवी मंदिर नंदुरबार जिले के आदिवासी क्षेत्र में स्थित है और यह महाराष्ट्र और गुजरात के श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। हर साल हजारों लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं, विशेषकर नवरात्र के दौरान। हालांकि, यह क्षेत्र ऊंचे-नीचे पहाड़ों और घाटों से घिरा हुआ है, जिससे यात्रा करना जोखिम भरा हो जाता है। चांदशाली घाट पहले भी कई हादसों का गवाह बन चुका है, जिसके कारण स्थानीय लोग प्रशासन से सड़क सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
जांच प्रक्रिया की शुरुआत
स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई:
नंदुरबार पुलिस ने इस हादसे की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, बस में क्षमता से अधिक यात्री सवार थे। पुलिस यह भी देख रही है कि क्या तकनीकी खराबी इस दुर्घटना का कारण बनी। जिला प्रशासन ने कहा है कि भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए घाटी मार्गों पर सुरक्षा बैरियर और चेतावनी संकेत लगाने पर विचार किया जाएगा।