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नए आयकर अधिनियम, 2025 को राष्ट्रपति मुर्मू की मंजूरी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नए आयकर अधिनियम, 2025 को मंजूरी दी है, जो पुराने आयकर कानून का स्थान लेगा। यह नया कानून अगले वित्तीय वर्ष से लागू होगा और कर कानूनों को सरल बनाने के साथ-साथ शब्दों की संख्या को भी कम करेगा। जानें इस ऐतिहासिक सुधार के प्रमुख बिंदुओं के बारे में।
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नए आयकर अधिनियम, 2025 को राष्ट्रपति मुर्मू की मंजूरी

आयकर अधिनियम, 2025 का ऐतिहासिक सुधार

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नए आयकर अधिनियम, 2025 को स्वीकृति प्रदान की है, जो पुराने आयकर कानून का स्थान लेगा। यह नया कानून अगले वित्तीय वर्ष से लागू होगा।


इस अधिनियम का उद्देश्य कर कानूनों को सरल बनाना है, साथ ही इसमें शब्दों की संख्या को भी कम किया जाएगा, जिससे इसे समझना आसान हो सके। आयकर विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में बताया, "आयकर अधिनियम, 2025 को 21 अगस्त, 2025 को माननीय राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी दी गई है। यह 1961 के अधिनियम का स्थान लेने वाला एक महत्वपूर्ण सुधार है, जो एक सरल, पारदर्शी और अनुपालन-अनुकूल प्रत्यक्ष कर प्रणाली की शुरुआत करता है।"


हाल ही में, संसद के दोनों सदनों ने आयकर विधेयक, 2025 को पारित किया। नए कानून में कोई नई आयकर दर नहीं जोड़ी गई है, बल्कि यह मौजूदा आयकर कानूनों को सरल बनाने पर केंद्रित है, जो पहले से ही जटिल थे।


इस नए कानून के तहत अनावश्यक प्रावधानों को हटाया गया है, और 1961 के आयकर अधिनियम की धाराओं की संख्या 819 से घटाकर 536 कर दी गई है, जबकि अध्यायों की संख्या 47 से घटकर 23 हो गई है।


नए आयकर अधिनियम में शब्दों की संख्या 5.12 लाख से घटाकर 2.6 लाख कर दी गई है। स्पष्टता बढ़ाने के लिए 1961 के कानून के जटिल पाठ की जगह 39 नई सारणियां और 40 नए सूत्र जोड़े गए हैं।