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नवी मुंबई में शिक्षिका का नाबालिग छात्र के साथ अश्लील वीडियो कॉल मामला: पुलिस ने की कार्रवाई

नवी मुंबई के कोपरखैरणे में एक शिक्षिका द्वारा नाबालिग छात्र के साथ अश्लील वीडियो कॉल करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शिक्षिका के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। छात्र ने डर के बावजूद अपने माता-पिता को सच्चाई बताई, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया। यह घटना समाज में बच्चों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को उजागर करती है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
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नवी मुंबई में शिक्षिका का नाबालिग छात्र के साथ अश्लील वीडियो कॉल मामला: पुलिस ने की कार्रवाई

नाबालिग छात्र के साथ अश्लील वीडियो कॉल का मामला

नवी मुंबई के कोपरखैरणे क्षेत्र में एक निजी स्कूल की शिक्षिका द्वारा एक नाबालिग छात्र के साथ अश्लील वीडियो कॉल करने का एक गंभीर मामला सामने आया है। यह घटना न केवल चौंकाने वाली है, बल्कि यह शिक्षकों पर समाज के विश्वास को भी गहरा धक्का पहुंचाती है। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए शिक्षिका के खिलाफ पोक्सो (POCSO) एक्ट के तहत गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है.


सोशल मीडिया पर शुरू हुई बातचीत

पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपी शिक्षिका ने इंस्टाग्राम के माध्यम से छात्र से संपर्क किया। वह लगातार छात्र के साथ चैट कर रही थी और कुछ ही दिनों में अर्धनग्न अवस्था में वीडियो कॉल कर अश्लील बातें करने लगी। यह अश्लील संवाद कई दिनों तक जारी रहा।


छात्र ने अपने परिजनों को बताया सच

शुरुआत में छात्र डर के कारण चुप रहा, लेकिन जब शिक्षिका की हरकतें बढ़ने लगीं, तो उसने हिम्मत जुटाकर अपने माता-पिता को पूरी घटना बता दी। इसके बाद, छात्र के माता-पिता तुरंत कोपरखैरणे पुलिस थाने पहुंचे और लिखित शिकायत दर्ज करवाई।


पुलिस ने तुरंत की कार्रवाई

शिकायत मिलने के तुरंत बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शिक्षिका को हिरासत में लिया और कोर्ट में पेश किया, जहां उसे एक दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। पुलिस ने आरोपी का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है और उसके सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स की तकनीकी जांच शुरू कर दी है।


जांच जारी, समाज के लिए चेतावनी

कोपरखैरणे पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या आरोपी शिक्षिका ने किसी अन्य छात्र के साथ भी इसी तरह की हरकत की है। यह मामला समाज और शिक्षा प्रणाली के लिए एक चेतावनी है कि ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना केवल अभिभावकों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि शिक्षकों की भी है।


सामाजिक मुद्दा और सुरक्षा की आवश्यकता

यह घटना एक गंभीर सामाजिक मुद्दा उठाती है कि बच्चों की सुरक्षा स्कूलों में भी खतरे में पड़ सकती है। अब समय आ गया है कि शिक्षण संस्थानों में सख्त साइबर निगरानी और नैतिकता आधारित प्रशिक्षण को अनिवार्य किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके.