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नामीबिया की यात्रा पर पीएम मोदी: भारत और नामीबिया के रिश्तों में नया अध्याय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नामीबिया यात्रा ऐतिहासिक है, क्योंकि यह 1998 के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा की गई पहली यात्रा है। इस दौरे से भारत और नामीबिया के बीच तकनीकी, स्वास्थ्य, और ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। भारत और नामीबिया के बीच के संबंधों की जड़ें आज़ादी से पहले की हैं, और इस यात्रा से व्यापार और निवेश के नए अवसर खुलने की संभावना है। जानें इस यात्रा के महत्व और दोनों देशों के बीच सहयोग के नए अध्याय के बारे में।
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नामीबिया की यात्रा पर पीएम मोदी: भारत और नामीबिया के रिश्तों में नया अध्याय

प्रधानमंत्री मोदी का ऐतिहासिक दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्तमान में नामीबिया की यात्रा पर हैं, जो कि कई दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। यह 1998 के बाद से किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा नामीबिया की पहली यात्रा है। इस दौरे से भारत और नामीबिया के बीच तकनीकी, स्वास्थ्य, विकास, सुरक्षा और ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा मिलने की संभावना है।


भारत और नामीबिया के बीच ऐतिहासिक संबंध

भारत और नामीबिया के संबंधों की जड़ें आज़ादी से पहले की हैं। भारत ने 1946 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में नामीबिया की स्वतंत्रता का समर्थन किया था। 1986 में, SWAPO के दूतावास का उद्घाटन नई दिल्ली में किया गया। रंगभेदी शासन के खिलाफ भारत ने सैन्य प्रशिक्षण की पेशकश भी की थी। नामीबिया ने मार्च 1990 में स्वतंत्रता प्राप्त की, जिसके बाद भारत ने अपने मिशन को उच्चायोग में अपग्रेड किया।


व्यापार और निवेश के नए अवसर

नामीबिया की खनिज संपदा, जैसे यूरेनियम, लिथियम और जिंक, भारत के लिए महत्वपूर्ण है। दोनों देशों के बीच व्यापार अब 654 मिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है। भारत से दवाएं, मशीनरी और अनाज निर्यात होते हैं, जबकि नामीबिया से खनिज तेल और धातुएं आती हैं। भारत ने नामीबिया में अब तक 800 मिलियन डॉलर का निवेश किया है।


आपदा में भारत का सहयोग

कोरोना महामारी के दौरान, भारत ने नामीबिया को 30,000 वैक्सीन की डोज़ भेजी थीं। 2017 और 2019 में सूखे के समय, भारत ने चावल और अन्य सहायता भेजकर नामीबिया का साथ दिया। इसके बदले में, नामीबिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया।


चीता डिप्लोमेसी और अफ्रीका में भारत की रणनीति

2022 में नामीबिया से लाए गए 8 चीते भारत में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुए हैं। भारत ने अफ्रीका में 206 बुनियादी ढांचा परियोजनाएं पूरी की हैं और 65 परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। भारत अब अफ्रीका में 10वां सबसे बड़ा निवेशक है, और यह 2030 तक 150 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की योजना बना रहा है।