नीतीश कुमार के हिजाब खींचने के विवाद ने तूल पकड़ा
नीतीश कुमार का हिजाब खींचने का मामला
नीतीश कुमार का हिजाब खींचने का विवाद: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक सार्वजनिक कार्यक्रम में एक महिला डॉक्टर का हिजाब खींचने की घटना अब चर्चा का विषय बन गई है। विपक्ष ने इस कृत्य की कड़ी निंदा की है, जबकि जेडीयू ने नीतीश कुमार का बचाव करते हुए कहा है कि उनका इरादा गलत नहीं था। इस बीच, डॉक्टर ने बिहार छोड़कर कोलकाता में अपने परिवार के पास लौटने का निर्णय लिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जिस महिला डॉक्टर नुसरत परवीन का हिजाब खींचा गया, वह इस घटना के अगले दिन यानी 16 दिसंबर को कोलकाता लौट गईं। उनका सपना डॉक्टर बनना था, लेकिन अब वह बिहार सरकार की नौकरी नहीं करेंगी। नुसरत के परिवार के एक करीबी सदस्य ने बताया कि इस घटना के बाद वह मानसिक तनाव में हैं। परिवार उन्हें समझाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन वह सुनने को तैयार नहीं हैं। अब नौकरी जॉइन करने या वापस लौटने का निर्णय नुसरत पर छोड़ दिया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, नुसरत के भाई ने उन्हें कोलकाता आने के लिए कहा था, जिसके बाद वह वहां पहुंच गईं। नुसरत ने कहा, “मैं यह नहीं कह रही कि मुख्यमंत्री ने जानबूझकर ऐसा किया, लेकिन जो हुआ वह मुझे अच्छा नहीं लगा। वहां बहुत सारे लोग थे। कुछ लोग हंस रहे थे। एक लड़की होने के नाते यह मेरे लिए अपमानजनक था।” उन्होंने यह भी कहा, “मैंने स्कूल से लेकर कॉलेज तक हिजाब पहनकर पढ़ाई की है। हर जगह मैं हिजाब पहनकर गई हूं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।”
जेडीयू का स्पष्टीकरण
हालांकि, बिहार सरकार के मंत्री जमा खान ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि विपक्ष और कुछ मुस्लिम समुदाय के लोग नीतीश कुमार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे नेता ने हमेशा बेटियों का सम्मान किया है और वह उस बेटी को सम्मानपूर्वक हिजाब हटाने के लिए कह रहे थे, ताकि समाज और दुनिया उनकी सफलता को देख सके। वहीं, विपक्ष की आलोचना पर उन्होंने कहा कि यह उनकी सोच है।
