नीतीश कुमार के हिजाब विवाद पर गिरिराज सिंह का बयान, राजनीतिक हलचल तेज
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का हिजाब हटाने वाला वीडियो
नई दिल्ली: हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें उन्होंने एक मुस्लिम महिला डॉक्टर का हिजाब सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान हटा दिया। यह वीडियो राजद और कांग्रेस द्वारा साझा किया गया, और इसके बाद से यह सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया, जिससे राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों में तीखी प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न हुईं।
गिरिराज सिंह का विवादास्पद बयान
इस मामले में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का बयान भी चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने नीतीश कुमार का समर्थन करते हुए एक ऐसा बयान दिया, जिस पर विपक्षी दलों ने कड़ी आपत्ति जताई। गिरिराज सिंह ने कहा कि यह महिला की इच्छा है कि वह सरकारी नौकरी स्वीकार करे या न करे, या फिर जहन्नुम में जाए।
नीतीश कुमार का बचाव
पटना में हुई इस घटना पर गिरिराज सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने कुछ गलत नहीं किया। उनके अनुसार, जब कोई व्यक्ति सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र लेने आता है, तो उसकी पहचान दिखाना आवश्यक है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या चेहरा दिखाना गलत है और क्या भारत एक इस्लामिक देश है। गिरिराज सिंह ने इसे एक अभिभावक के रूप में उठाया गया कदम बताया।
कानून और पहचान का तर्क
गिरिराज सिंह ने अपने बयान में पासपोर्ट और हवाई अड्डे का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी पहचान के लिए चेहरा दिखाना आवश्यक होता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में कानून का शासन है और सभी के लिए नियम समान हैं। उनके अनुसार, नीतीश कुमार का कदम नियमों के तहत था और इसमें कोई गलत मंशा नहीं थी।
‘जहन्नुम’ टिप्पणी पर विवाद
हालांकि, गिरिराज सिंह की 'जहन्नुम' वाली टिप्पणी ने सबसे अधिक आलोचना का सामना किया। जब उनसे पूछा गया कि क्या युवती नौकरी स्वीकार नहीं कर रही है, तो उन्होंने कहा कि यह उसका निजी निर्णय है और वह सरकारी नौकरी स्वीकार करे या न करे, या फिर जहन्नुम में जाए।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने गिरिराज सिंह के बयान की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान एक 'घटिया मानसिकता' को दर्शाते हैं। तारिक अनवर ने यह भी कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जहां हर नागरिक को अपने धर्म और आस्था के अनुसार जीने की स्वतंत्रता है। इस विवाद ने एक बार फिर धार्मिक स्वतंत्रता, व्यक्तिगत सम्मान और राजनीतिक जिम्मेदारी जैसे मुद्दों को चर्चा में ला दिया है।
