Newzfatafatlogo

नीतीश कुमार ने हाजीपुर में उद्योगों का निरीक्षण किया, रोजगार पर जोर

बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाजीपुर के औद्योगिक क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने विभिन्न फैक्ट्रियों का निरीक्षण किया और स्थानीय कामगारों से बातचीत की। रोजगार और उद्योग के मुद्दों पर चर्चा करते हुए, उन्होंने राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने का वादा किया। जानें उनके दौरे की पूरी जानकारी और भविष्य की योजनाएं।
 | 
नीतीश कुमार ने हाजीपुर में उद्योगों का निरीक्षण किया, रोजगार पर जोर

मुख्यमंत्री का औद्योगिक क्षेत्र का दौरा

बिहार विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकार गठन के तुरंत बाद सक्रियता दिखाई। सोमवार को उन्होंने वैशाली जिले के हाजीपुर इंडस्ट्रियल क्षेत्र का दौरा किया, जहां उन्होंने कई कारखानों का निरीक्षण किया और आवश्यक निर्देश दिए।


फैक्ट्रियों का निरीक्षण

मुख्यमंत्री ने हाजीपुर में बिस्कुट, जूते और जैकेट बनाने वाली फैक्ट्रियों का मुआयना किया। इस दौरान उन्होंने वहां काम कर रहे मजदूरों, तकनीशियनों और प्रबंधन के सदस्यों से विस्तार से बातचीत की।


रूसी सैनिकों के लिए जूते

इस शूज फैक्ट्री से बनाए गए जूते रूसी सैनिकों के लिए निर्यात किए जाते हैं, जिसकी जानकारी मुख्यमंत्री को दी गई।


स्थानीय कामगारों की समस्याएं

बिस्कुट फैक्ट्री में काम करने वाले स्थानीय श्रमिकों से भी नीतीश कुमार ने बातचीत की और उनकी समस्याओं को समझा। उनके निरीक्षण के दौरान कई अधिकारी भी उपस्थित थे।


रोजगार और उद्योग का मुद्दा

बिहार में रोजगार, पलायन और उद्योग चुनाव के प्रमुख मुद्दे रहे हैं। विपक्ष ने एनडीए सरकार को इस मुद्दे पर घेरने का प्रयास किया। एनडीए सरकार ने पिछले पांच वर्षों में एक करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा किया है। चुनाव से पहले यह भी कहा गया कि उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा और नई कंपनियों को आकर्षित किया जाएगा।


उद्योग मंत्री की प्राथमिकताएं

बिहार के उद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल ने किशनगंज में कहा कि उनकी प्राथमिकता राज्य में कानून का राज स्थापित करना और युवाओं को रोजगार प्रदान करना है। उन्होंने यह भी बताया कि सभी युवाओं को सरकारी नौकरी मिलना संभव नहीं है, इसलिए उद्योग लगाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।


भविष्य की योजनाएं

उद्योग विभाग जल्द ही एक रोडमैप तैयार करेगा, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोगों की दैनिक आवश्यकताओं का सामान बिहार में ही निर्मित हो और कुटीर उद्योगों की भरपूर मौजूदगी हो।