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नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए भारत की नई पहल

भारत सरकार ने भगोड़े अपराधियों के प्रत्यर्पण के लिए अपनी कोशिशों को तेज कर दिया है। हाल ही में, ब्रिटेन की क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस ने तिहाड़ जेल का दौरा किया, जहां नीरव मोदी जैसे हाई-प्रोफाइल आरोपियों को सुरक्षित रखने की व्यवस्था की जा रही है। जानें इस प्रक्रिया के पीछे की रणनीतियों और नीरव मोदी तथा विजय माल्या पर लगे आरोपों के बारे में।
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नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए भारत की नई पहल

नीरव मोदी का प्रत्यर्पण

नीरव मोदी का प्रत्यर्पण: भारत सरकार भगोड़े अपराधियों को वापस लाने के लिए अपनी कोशिशों को और तेज कर रही है. हाल ही में, ब्रिटेन की क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस (CPS) की एक टीम ने नई दिल्ली के तिहाड़ जेल का दौरा किया. इस दौरे का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि नीरव मोदी जैसे हाई-प्रोफाइल भगोड़ों को भारत प्रत्यर्पित करने पर उन्हें तिहाड़ जेल में सुरक्षित और मानवीय परिस्थितियों में रखा जाएगा.


अधिकारियों ने बताया, "भारत सरकार ने ब्रिटेन को आश्वासन दिया है कि जेल में किसी भी आरोपी के साथ अवैध पूछताछ नहीं की जाएगी."


तिहाड़ में सुविधाओं का निरीक्षण


सीपीएस की टीम ने तिहाड़ जेल के उच्च-सुरक्षा वार्ड का निरीक्षण किया और वहां कैदियों से बातचीत की. भारतीय अधिकारियों ने ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि जरूरत पड़ने पर जेल परिसर में एक विशेष "एन्क्लेव" बनाया जा सकता है, जहां हाई-प्रोफाइल आरोपियों को सुरक्षित रखा जाएगा. यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अतीत में ब्रिटिश अदालतों ने भारतीय जेलों की स्थिति को लेकर चिंता जताते हुए कई प्रत्यर्पण याचिकाओं को खारिज किया था.


भारतीय अधिकारियों ने सीपीएस टीम को बताया, "तिहाड़ जेल में सुरक्षित और मानवीय वातावरण प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता है."


प्रत्यर्पण के लिए भारत की कोशिशें


वर्तमान में भारत की 178 प्रत्यर्पण याचिकाएं विदेशों में लंबित हैं, जिनमें से लगभग 20 यूनाइटेड किंगडम में हैं. इनमें नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे हाई-प्रोफाइल मामले शामिल हैं.


नीरव मोदी और माल्या पर आरोप


नीरव मोदी, जिन्हें दिसंबर 2019 में भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था, को मार्च 2019 में गिरफ्तार किया गया था. यूके हाई कोर्ट ने उनकी भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है. वह 13,800 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के आरोपी हैं. वहीं, विजय माल्या पर 9,000 करोड़ रुपये के बैंक ऋण डिफॉल्ट का आरोप है. विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने जुलाई में कहा था, "हम यूनाइटेड किंगडम से भगोड़ों के प्रत्यर्पण के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं."