नूर खान एयरबेस पर अमेरिकी नियंत्रण का विवाद

नूर खान एयरबेस पर अमेरिकी नियंत्रण का दावा
नूर खान एयरबेस पर अमेरिकी नियंत्रण: पाकिस्तान के रक्षा विशेषज्ञ इम्तियाज गुल ने नूर खान एयरबेस के बारे में एक चौंकाने वाला बयान दिया है, जिसने देश में हलचल मचा दी है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में गुल ने कहा कि रावलपिंडी में स्थित यह एयरबेस अब पूरी तरह से अमेरिका के नियंत्रण में है, और यहां तक कि पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों को भी इसमें कोई हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं है।
गुल ने वीडियो में कहा, 'नूर खान एयरबेस अब पूरी तरह से अमेरिका के अधीन है। यहां पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों को भी कोई हस्तक्षेप नहीं करने दिया जाता। यहां लगातार अमेरिकी विमान उतरते हैं, लेकिन उनके कार्गो या गतिविधियों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जाती।' इस बयान ने पाकिस्तान के रक्षा तंत्र पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
भारतीय सेना का ऑपरेशन सिंदूर
भारतीय सेना का जवाब: ऑपरेशन सिंदूर
हाल ही में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया था, जो पहलगाम में हुए एक आतंकवादी हमले के जवाब में था। इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी। भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन के दौरान नूर खान एयरबेस को भी निशाना बनाया और उसे रणनीतिक रूप से क्षति पहुंचाई।
रणनीतिक और परमाणु केंद्रों के निकटता
रणनीतिक और परमाणु केंद्रों के बेहद करीब
नूर खान एयरबेस पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की निगरानी करने वाले स्ट्रैटेजिक प्लान्स डिवीजन के मुख्यालय के निकट स्थित है। यह एयरबेस सी-130 हरक्यूलिस और IL-78 जैसे प्रमुख सैन्य विमानों का भी केंद्र है, जो पाकिस्तान की लॉजिस्टिक और सामरिक आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।
सैन्य शिक्षा और नागरिक सेवाओं का केंद्र
सैन्य शिक्षा और नागरिक सेवाओं का केंद्र
इस एयरबेस पर बेनज़ीर भुट्टो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, पीएएफ कॉलेज चकलाला और फज़ाया इंटर कॉलेज भी स्थित हैं। यहां वायुसेना के कैडेट्स को प्रशिक्षण दिया जाता है और छात्रों को सामान्य शिक्षा प्रदान की जाती है।