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नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने की ऐतिहासिक शुरुआत, ओली पर दर्ज हुआ मामला

नेपाल की राजनीति में 12 सितंबर, 2025 को सुशीला कार्की ने देश की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। उनके नेतृत्व में, पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, जो पुलिस दमन के विरोध में थी। ओली ने जन दबाव के चलते इस्तीफा दिया। कार्की ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने की योजना बनाई है, जिसमें क्षेत्रीय और जातीय प्रतिनिधियों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह घटनाक्रम न केवल नेपाल की राजनीतिक दिशा को बदल रहा है, बल्कि महिला सशक्तिकरण के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रहा है।
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नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने की ऐतिहासिक शुरुआत, ओली पर दर्ज हुआ मामला

नेपाल की राजनीति में नया अध्याय

FIR On KP Sharma Oli : 12 सितंबर, 2025 को नेपाल की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया, जब सुशीला कार्की ने देश की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। उनके पद ग्रहण करते ही, उन्होंने त्वरित निर्णय लेने की प्रक्रिया शुरू की, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि उनका नेतृत्व निर्णायक और जनता की भावनाओं के अनुरूप होगा।


ओली के खिलाफ एफआईआर
प्रधानमंत्री बनने के 24 घंटे के भीतर, कार्की सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई। यह मामला 8 सितंबर को पुलिस दमन की घटनाओं के विरोध में दर्ज किया गया, जिसमें ओली पर गंभीर अपराध के तहत जांच की मांग की गई है। यह कदम Gen Z प्रदर्शनकारियों के आक्रोश को शांत करने और न्यायिक प्रक्रिया को सक्रिय करने का संकेत माना जा रहा है।


ओली का इस्तीफा
महत्वपूर्ण है कि Gen Z युवाओं के व्यापक विरोध के चलते, ओली ने 9 सितंबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने जुलाई 2024 में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन केवल 14 महीनों में उन्हें सत्ता छोड़नी पड़ी।


कैबिनेट विस्तार की तैयारी
सूत्रों के अनुसार, सुशीला कार्की रविवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकती हैं। शनिवार को उन्होंने Gen Z प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों, और राजनीतिक दलों के साथ विचार-विमर्श किया। यह संवाद संभावित सहयोगियों की भागीदारी सुनिश्चित करने और सरकार को स्थिरता प्रदान करने की रणनीति का हिस्सा था।


समावेशिता पर जोर
आगामी कैबिनेट में क्षेत्रीय और जातीय प्रतिनिधियों को प्राथमिकता देने की योजना है, जिससे सरकार को जनसमर्थन और सामाजिक संतुलन प्राप्त हो सके। मंत्रियों के नामों की घोषणा रविवार को की जा सकती है, और शपथग्रहण भी उसी दिन होने की संभावना है।


इतिहास रचने वाली महिला
सुशीला कार्की, जो पहले नेपाल की मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं, ने अब कार्यकारी नेतृत्व भी अपने हाथों में ले लिया है। उनकी नियुक्ति नेपाल में महिला सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रही है। इस घटनाक्रम ने न केवल नेपाल की राजनीतिक दिशा को बदला है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि जनता की आवाज और न्याय की मांग को अब अनसुना नहीं किया जा सकता।