Newzfatafatlogo

नेपाल की सेना का गौरव: जनरल अशोक राज सिगदेल की महत्वपूर्ण भूमिका

नेपाल में राजनीतिक संकट के बीच, नेपाली सेना की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है। जनरल अशोक राज सिगदेल, जिनका भारत के साथ विशेष संबंध है, देश की स्थिरता बनाए रखने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इस लेख में, हम नेपाली सेना के गौरवशाली इतिहास और जनरल सिगदेल के योगदान पर चर्चा करेंगे, जो नेपाल और भारत के बीच सैन्य सहयोग का प्रतीक है। जानें कैसे गोरखा सैनिकों की बहादुरी ने इतिहास को आकार दिया और आज की स्थिति में उनकी भूमिका क्या है।
 | 
नेपाल की सेना का गौरव: जनरल अशोक राज सिगदेल की महत्वपूर्ण भूमिका

नेपाल में सियासी संकट और सेना की भूमिका

नेपाल की सेना का गौरवशाली इतिहास: नेपाल में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद, सेना ने सत्ता का नियंत्रण संभाल लिया है। अब देश की स्थिरता और शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी नेपाली सेना पर आ गई है। इस महत्वपूर्ण समय में, नेपाली सेना के प्रमुख जनरल अशोक राज सिगदेल का नाम सामने आया है, जिनका भारत के साथ विशेष संबंध है। जनरल सिगदेल ने भारत के सिकंदराबाद स्थित कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट से डिफेंस मैनेजमेंट का कोर्स किया है और 2024 में उन्हें भारतीय सेना के जनरल के मानद पद से सम्मानित किया गया था। यह सम्मान भारत और नेपाल के बीच लंबे समय से चले आ रहे सैन्य सहयोग का प्रतीक है।


भारत-नेपाल के बीच सैन्य सहयोग की परंपरा

भारत और नेपाल के बीच लगभग सात दशकों से सैन्य सम्मान और सहयोग की परंपरा रही है, जिसमें दोनों देश एक-दूसरे के सेना प्रमुखों को मानद जनरल की उपाधि प्रदान करते हैं। यह परंपरा दोनों देशों के घनिष्ठ संबंधों का प्रतीक है। भारतीय सेना के पूर्व कमांडर-इन-चीफ जनरल केएम करियप्पा इस सम्मान को पाने वाले पहले भारतीय थे।


नेपाली सेना का गौरवपूर्ण इतिहास

नेपाली सेना का गौरवपूर्ण इतिहास

नेपाली सेना का इतिहास भी गौरवपूर्ण और समृद्ध है। 18वीं सदी में नेपाल कई छोटे-छोटे राज्यों में बंटा हुआ था, लेकिन गोरखा के राजा पृथ्वी नारायण शाह ने 1740 में नेपाल के एकीकरण का प्रयास शुरू किया। यह एकीकरण अभियान नेपाल की आज़ादी और संप्रभुता की नींव साबित हुआ। उन्होंने संगठित सेना का निर्माण किया, जिसमें विदेशी तकनीशियनों की मदद से आधुनिक हथियार और युद्ध सामग्री भी शामिल थी। गोरखा सैनिकों की बहादुरी और ईमानदारी ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को भी प्रभावित किया, जिसने बाद में अपनी सेना में नेपालियों को भर्ती करना शुरू किया। इसीलिए गोरखा नाम से प्रसिद्ध ये सैनिक आज भी भारतीय और ब्रिटिश सेनाओं में सम्मानित हैं.


1744 से नेपाली सेना का इतिहास

1744 से चलता आ रहा है नेपाली सेना का इतिहास

हालांकि नेपाली सेना स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र की सेना है, कुछ भ्रांतियां हैं कि यह भारतीय या ब्रिटिश सेना का हिस्सा है, जो सही नहीं है। नेपाली सेना का इतिहास 1744 से चलता आ रहा है और इसे नेपाल की राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न हिस्सा माना जाता है। सेना के झंडे पर त्रिशूल और ढमरू जैसे हिन्दू प्रतीक होते हैं, जो नेपाल की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को दर्शाते हैं और भारत के साथ इसके ऐतिहासिक संबंधों को मजबूती प्रदान करते हैं.


जनरल अशोक राज सिगदेल की भूमिका

आज के राजनीतिक संकट के दौर में जनरल अशोक राज सिगदेल की भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे नेपाल की स्थिरता बहाल करने और नए शासन की स्थापना में अहम योगदान दे सकते हैं। उनकी भारतीय सैन्य शिक्षा और दोनों देशों के बीच दोस्ताना संबंध नेपाल के लिए एक संतुलन बनाए रखने में मददगार साबित हो सकती है.