नेपाल के नए प्रधानमंत्री ने शहीदों को सम्मान देने का किया ऐलान

नेपाल में युवा प्रदर्शनकारियों की मांगें
काठमांडू। नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने अपने कार्यभार ग्रहण करने के बाद घोषणा की है कि आठ अगस्त को युवा प्रदर्शनकारियों द्वारा शुरू किए गए आंदोलन में जान गंवाने वालों को शहीद का दर्जा दिया जाएगा। इसके साथ ही, पीड़ितों के परिवारों को 10-10 लाख रुपए का मुआवजा भी प्रदान किया जाएगा। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, नेपाल में हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या 72 तक पहुंच गई है, जिसमें एक भारतीय महिला और तीन पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। कार्की ने कहा, 'मैं छह महीने से अधिक समय तक सत्ता में नहीं रहूंगी और नवनिर्वाचित संसद को अधिकार सौंप दूंगी।'
कार्की सरकार का चुनावी वादा
12 सितंबर को प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद, कार्की की सरकार ने आम चुनाव कराने की तिथि 5 मार्च 2026 निर्धारित की है। हालांकि, कार्की के शपथ लेने के तीन दिन बाद भी मंत्रिमंडल का गठन पूरा नहीं हो सका है। खबरें हैं कि कार्की 15 से अधिक मंत्रियों के साथ अपना मंत्रिमंडल बना सकती हैं और सोमवार को मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। इस बीच, शिक्षा मंत्री सुमाना श्रेष्ठ ने अपनी पार्टी आरएसपी छोड़ दी है और वे कार्की सरकार में शामिल हो सकती हैं।
संभावित मंत्रियों की सूची
मंत्री पदों के लिए जिन नामों पर विचार किया जा रहा है, उनमें कानून विशेषज्ञ ओम प्रकाश आर्यल, पूर्व सेना अधिकारी बालानंद शर्मा, रिटायर जज आनंद मोहन भट्टराई, माधव सुंदर खड़का, अशीम मान सिंह बसन्यात और ऊर्जा विशेषज्ञ कुलमान घीसिंग शामिल हैं। इसके अलावा, डॉ. भगवान कोइराला, डॉ. संदुक रुइत, डॉ. जगदीश अग्रवाल और डॉ. पुकार चंद्र श्रेष्ठ के नामों पर भी चर्चा चल रही है। युवा प्रदर्शनकारी, जो जनेरेशन जेड के सदस्य हैं, इस प्रक्रिया में भाग ले रहे हैं और इसके लिए वे ऑनलाइन वोटिंग का सहारा ले रहे हैं।