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नेपाल में अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए सुशीला कार्की का नाम तय, घोषणा में देरी

नेपाल में सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नामित करने पर सहमति बन गई है, लेकिन घोषणा में देरी हो रही है। GenZ के नेता ने चेतावनी दी है कि यदि आज रात तक घोषणा नहीं होती है, तो प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति पर हमला कर सकते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि इस देरी के पीछे क्या कारण हैं और सुशीला कार्की की पृष्ठभूमि क्या है।
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नेपाल में अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए सुशीला कार्की का नाम तय, घोषणा में देरी

सुशीला कार्की के नाम की घोषणा में देरी

नेपाल के राष्ट्रपति भवन में नई सरकार के गठन पर चर्चा: नेपाल में पिछले दो घंटों से नई सरकार के गठन के लिए बैठक चल रही है। पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नामित करने पर सहमति बन चुकी है, लेकिन उनके नाम की आधिकारिक घोषणा में देरी हो रही है। इस बीच, GenZ के नेता सुदुन गुरंग ने नेपाल सेना के एक ब्रिगेडियर को चेतावनी दी है कि यदि आज रात 12 बजे तक प्रधानमंत्री का ऐलान नहीं हुआ, तो GenZ के प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति पर हमला करेंगे। सुशीला कार्की के नाम पर आम सहमति बन गई है, लेकिन संवैधानिक अड़चनों के कारण घोषणा में देरी हो रही है।



घोषणा में देरी के कारण

घोषणा में देरी के तीन प्रमुख कारण


GenZ चाहता है कि संसद को भंग कर दिया जाए ताकि नए लोग चुनाव में आ सकें, लेकिन राष्ट्रपति इसके लिए सहमत नहीं हैं क्योंकि नेपाली संविधान में संसद भंग करने का कोई प्रावधान नहीं है।


दूसरी समस्या यह है कि संविधान के अनुसार, प्रधानमंत्री बनने के लिए संघीय संसद का सदस्य होना आवश्यक है। सुशीला कार्की के नाम पर यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है, क्योंकि संविधान यह भी कहता है कि जो न्यायमूर्ति रह चुके हैं, वे कभी भी राजनीतिक पद नहीं ले सकते।


तीसरी समस्या यह है कि सुशीला कार्की को किस आधार पर नियुक्त किया जाए और उन्हें कौन सा पद दिया जाए। कुछ लोग उन्हें अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, जबकि अन्य उन्हें कैबिनेट प्रमुख के रूप में नियुक्त करने की इच्छा रखते हैं।


शिक्षा और करियर

भारत में शिक्षा और नेपाल में वकालत


सुशीला कार्की अपने 7 भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं। उन्होंने 1972 में महेंद्र मोरंग परिसर विराटनगर से बीए किया और फिर 1975 में बीएचयू से राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन की। 1978 में, उन्होंने त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। कार्की ने दुर्गा प्रसाद सुबेदी से विवाह किया, जो उस समय नेपाली कांग्रेस के एक प्रमुख युवा नेता थे।


1979 में, कार्की ने अपने गृहनगर विराटनगर में वकालत शुरू की। 1985 में, वह महेंद्र मल्टीपल कैंपस, धरान में सहायक शिक्षिका रहीं। 2007 में, वह वरिष्ठ अधिवक्ता बनीं और 22 जनवरी 2009 को सुप्रीम कोर्ट में एड-हॉक जस्टिस के रूप में नियुक्त की गईं। 2010 में, उन्हें स्थायी जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया और 2016 में नेपाल सुप्रीम कोर्ट में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला।