नेपाल में जन-उद्रव: प्रदर्शनकारियों का गुस्सा बढ़ा, नेताओं की सुरक्षा के लिए हेलीकॉप्टरों की तैनाती

नेपाल में प्रदर्शनों का उग्र रूप
Nepal protest: नेपाल में जनरेशन जेड के प्रदर्शनों का दूसरा दिन और भी उग्र हो गया है। काठमांडू सहित कई शहरों में हिंसा की घटनाएं बढ़ गई हैं। प्रदर्शनकारियों का आक्रोश इतना बढ़ गया कि उन्होंने सरकारी इमारतों और नेताओं के निवासों को निशाना बनाया।
त्रिभुवन एयरपोर्ट पर हलचल
त्रिभुवन एयरपोर्ट पर हेलीकॉप्टरों की कतार
बागमती में स्थित त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट (TIA) पर मंगलवार को असामान्य गतिविधियाँ देखी गईं। सूत्रों के अनुसार, सेना ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और उनके कैबिनेट के सदस्यों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टरों की व्यवस्था की। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि नेताओं को भागने का मौका दिया जा रहा है, जिसके चलते उन्होंने सिमरिक एयरलाइंस के कार्यालय में आग लगा दी।
मंत्रियों की सुरक्षा के लिए सेना की तैनाती
मंत्रियों को बचाने के लिए सेना की तैनाती
सरकार के मंत्रियों के लिए भैसेपाटी स्थित आवासों से कई हेलीकॉप्टर रवाना हुए। एयरपोर्ट की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए नेपाल सेना ने अतिरिक्त बल तैनात किया है। हालांकि, विपक्ष का कहना है कि मौजूदा संकट से बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता नए प्रधानमंत्री का चुनाव करना है।
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रभाव
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर असर
बढ़ती हिंसा के कारण नेपाल के लिए अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवाएं बाधित हो गई हैं। भारतीय एयरलाइंस एयर इंडिया और इंडिगो ने दिल्ली-काठमांडू के बीच की उड़ानें रद्द कर दी हैं। अन्य विदेशी एयरलाइंस भी स्थिति पर नजर रख रही हैं।
ओली के इस्तीफे के बाद भी गुस्सा जारी
ओली के इस्तीफे के बाद भी जारी गुस्सा
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद स्थिति सामान्य होने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को संसद भवन में आगजनी की। इसके अलावा, नेपाली कांग्रेस के मुख्यालय, राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल और पूर्व प्रधानमंत्रियों के निवासों पर भी हमले किए गए। काठमांडू में स्थित हिल्टन होटल, जो सत्ताधारी दल के एक नेता का बताया जाता है, को भी आग के हवाले कर दिया गया।
पुलिस और सेना की कार्रवाई
पुलिस-सेना की कार्रवाई
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और सेना ने आंसू गैस, रबर बुलेट्स और वॉटर कैनन का उपयोग किया। इसके बावजूद, प्रदर्शनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं हुए। विभिन्न स्थानों पर टकराव की घटनाएं सामने आईं।
मौतों और घायलों की संख्या में वृद्धि
मौतें और घायलों की संख्या बढ़ी
8 सितंबर से शुरू हुए प्रदर्शनों में अब तक 22 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। सैकड़ों लोग घायल हुए हैं, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। राष्ट्रपति पौडेल ने मृतकों के परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की, लेकिन यह कदम गुस्से को शांत करने में असफल रहा।
राजनीतिक संकट की गहराई
एयरपोर्ट पर लगी हेलीकॉप्टरों की कतार
त्रिभुवन एयरपोर्ट पर हेलीकॉप्टरों की लंबी कतार और नेताओं को सुरक्षित निकालने की कोशिश इस बात का संकेत है कि नेपाल का राजनीतिक संकट और भी गहरा हो रहा है। जहां जनता सड़कों पर है, वहीं सत्ताधारी वर्ग सुरक्षा की तलाश में भागने को मजबूर है। यह स्थिति नेपाल के भविष्य के लिए गंभीर प्रश्न खड़े करती है।