Newzfatafatlogo

नेपाल में जनरेशन जेड का आंदोलन: पूर्व पीएम ओली की गिरफ्तारी की मांग

नेपाल में हाल ही में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद, जनरेशन जेड ने पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक की गिरफ्तारी की मांग की है। यह आंदोलन 8 सितंबर को शुरू हुआ था, जब सरकार ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाया और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि गोलीबारी में इन नेताओं की भूमिका है। ओली ने आरोपों से इनकार किया है, जबकि स्थिति अब सामान्य होने लगी है। जानें इस आंदोलन की पूरी कहानी और इसके पीछे की वजहें।
 | 
नेपाल में जनरेशन जेड का आंदोलन: पूर्व पीएम ओली की गिरफ्तारी की मांग

नेपाल में जनरेशन जेड की मांगें

नेपाल में जनरेशन जेड की मांगें: हाल ही में नेपाल में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद, 'जनरेशन जेड' समूह ने पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक की गिरफ्तारी की मांग को तेज कर दिया है। यह आंदोलन 8 सितंबर को सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुआ था। इन प्रदर्शनों में गोलीबारी और हिंसा के कारण कम से कम 72 लोगों की जान गई, जिनमें तीन पुलिसकर्मी भी शामिल थे।


प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि 8 सितंबर को नई बानेश्वर क्षेत्र में हुई गोलीबारी में 19 कार्यकर्ताओं की मौत हुई थी, और इसके लिए ओली, रमेश लेखक और काठमांडू के मुख्य जिला अधिकारी छवि रिजाल को जिम्मेदार ठहराया गया है। 'जनरेशन जेड' के सलाहकार डॉ. निकोलस बुशल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इन तीनों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने 1990 से अब तक सभी शीर्ष नेताओं और सरकारी अधिकारियों की संपत्तियों की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय आयोग बनाने की भी मांग की।


पूर्व पीएम ओली का बयान

पूर्व पीएम ओली ने किया आरोपों से इनकार 


प्रदर्शनकारियों ने सिंहदरबार सचिवालय के पास माइटिघर मंडला में भी धरना दिया। उनका कहना है कि ओली और रमेश लेखक की गिरफ्तारी के बिना आंदोलन समाप्त नहीं होगा। इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री ओली ने पहली बार सार्वजनिक बयान में आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का कोई आदेश नहीं दिया था। ओली के अनुसार, प्रदर्शन के दौरान जिन हथियारों से फायरिंग हुई, वे पुलिस के पास नहीं थे। उन्होंने हिंसा की जिम्मेदारी घुसपैठियों पर डालते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।


नेपाल में स्थिति

नेपाल में स्थिति 


नेपाल में हालात अब धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। कर्फ्यू में ढील दी गई है, सेना ने अपनी तैनाती घटा दी है, और बाजार तथा यातायात फिर से शुरू हो गए हैं। सुशीला कार्की ने अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली है। हालांकि, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनकी दोनों प्रमुख मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुआ यह आंदोलन ओली की सत्ता से विदाई का कारण बना। सरकार ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध वापस ले लिया है, लेकिन प्रदर्शनकारी अब जवाबदेही और जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं।