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नेपाल में जनरेशन जेड के विरोध प्रदर्शन के बाद सोशल मीडिया बैन हटा

नेपाल में जनरेशन जेड के विरोध प्रदर्शन के चलते सरकार ने सोशल मीडिया पर लगे बैन को हटा दिया है। संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरूंग ने इस फैसले की घोषणा की, जिसके बाद सभी प्रमुख प्लेटफॉर्म फिर से सक्रिय हो गए हैं। हालिया हिंसा में 20 लोगों की मौत हो गई और 300 से अधिक लोग घायल हुए। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने बाहरी तत्वों को जिम्मेदार ठहराते हुए जांच के लिए न्यायिक समिति का गठन किया है। जानें इस स्थिति का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या असर पड़ा है और प्रदर्शनकारियों की मांगें क्या हैं।
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नेपाल में जनरेशन जेड के विरोध प्रदर्शन के बाद सोशल मीडिया बैन हटा

नेपाल में सोशल मीडिया बैन हटाने की घोषणा

नेपाल में विरोध प्रदर्शन की स्थिति: नेपाल में जनरेशन जेड के विरोध और हिंसा के बाद, सरकार ने सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया है। संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरूंग ने इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हालात को देखते हुए कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई गई थी, जिसमें सर्वसम्मति से बैन हटाने का निर्णय लिया गया।


हिंसा में 20 लोगों की मौत

संचार मंत्री ने कहा कि अब नेपाल में सभी प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे व्हाट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, और एक्स (ट्विटर) फिर से सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से अपील की कि वे अपने आंदोलन को समाप्त करें और घर लौटें। हालिया हिंसा में 20 लोगों की जान गई और 300 से अधिक लोग घायल हुए। गृह मंत्री रमेश लेखक को भी अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।


जांच के लिए न्यायिक समिति का गठन

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने हिंसा के लिए बाहरी तत्वों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने इस मामले की जांच के लिए एक न्यायिक समिति का गठन किया है, जिसे 15 दिनों में रिपोर्ट पेश करनी है। इसके साथ ही, उन्होंने मृतकों के परिवारों को मुआवजा और घायलों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा देने की घोषणा की।


अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंसा की निंदा

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय ने नेपाल में हो रही हिंसा की जांच की मांग की है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है। अमेरिका, ब्रिटेन, और फ्रांस जैसे देशों ने भी इस हिंसा की निंदा की है। भारत ने भी इस स्थिति पर शोक व्यक्त किया है।


सोशल मीडिया पर बैन का कारण

नेपाल सरकार ने 4 सितंबर 2025 को सोशल मीडिया पर बैन लगाया था, जिसका कारण नियमों के तहत रजिस्ट्रेशन न कराना बताया गया। इस बैन के बाद फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप, यूट्यूब, और अन्य 26 प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक कर दिया गया था। सरकार ने फेक न्यूज और ऑनलाइन अपराध को रोकने के लिए यह कदम उठाया था, लेकिन युवाओं ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला मानकर विरोध किया।


प्रदर्शनकारियों का संसद भवन तक पहुंचना

8 सितंबर को, 'हामी नेपाल' नामक संगठन के बैनर तले जनरेशन जेड के प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे। काठमांडू के मैतीघर मंडला से नारेबाजी करते हुए वे संसद भवन तक पहुंचे। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बैरिकेड लगाए थे, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उन्हें तोड़ दिया। उन्होंने संसद भवन में घुसने की कोशिश की और पुलिस पर पथराव किया।


पुलिस की कार्रवाई

जब प्रदर्शनकारी उग्र हो गए, तो पुलिस को आंसू गैस और रबर बुलेट्स का इस्तेमाल करना पड़ा। हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाइव फायरिंग करनी पड़ी, जिसमें लगभग 20 युवाओं की मौत हो गई। इनमें से 17 काठमांडू में और 2 पूर्वी शहर इटहारी में मारे गए। 300 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें 28 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। स्थिति को देखते हुए सरकार ने सेना तैनात की और काठमांडू में कर्फ्यू लगा दिया।