नेपाल में जेन जेड विरोध: भारतीय नागरिकों की वापसी और स्थिति का ब्योरा

नेपाल में स्थिति गंभीर
नेपाल में चल रहे जेन जेड विरोध प्रदर्शनों के कारण हालात बेहद चिंताजनक हो गए हैं। पीएम केपी शर्मा ओली ने हिंसक प्रदर्शनों के बीच अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस दौरान कई भारतीय नागरिक वहां फंस गए थे, लेकिन कुछ ने विभिन्न रास्तों से भारत लौटने में सफलता पाई है। उन्होंने भारत पहुंचकर राहत की सांस ली और नेपाल में हुई घटनाओं के बारे में जानकारी साझा की। कई भारतीय नागरिक पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के पानीटंकी के माध्यम से भारत लौट आए हैं।
स्थिति नियंत्रण से बाहर
असम से लौटे एक यात्री ने बताया कि नेपाल में स्थिति नियंत्रण से बाहर है और हड़ताल अगले 10-15 दिनों तक जारी रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि नेपाल से लौटकर ऐसा महसूस हो रहा है जैसे जान वापस आ गई हो।
#WATCH | "वहां स्थिति नियंत्रण से बाहर है... हम असम से हैं और नेपाल से लौट रहे हैं। अच्छा लग रहा है। जान वापस आ गई," असम के कोहिला ने कहा, जो नेपाल से भारत लौट रहे हैं। https://t.co/iMMOncNwRb pic.twitter.com/EQm6Fw1rVC
— मीडिया चैनल (@MediaChannel) September 10, 2025
#WATCH | भारत-नेपाल सीमा पर, महाराजगंज, उत्तर प्रदेश में, नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों को एसएसबी की मदद से भारत लाया जा रहा है। नेपाली नागरिकों को मेडिकल इमरजेंसी या अन्य आपात स्थिति में पूरी जांच के बाद भारत में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है। pic.twitter.com/d9k4Q8nlUQ
— मीडिया चैनल (@MediaChannel) September 10, 2025
नेपाल में हिंसा का कारण
नेपाल में हालात बिगड़ने का मुख्य कारण सरकार द्वारा फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और यूट्यूब सहित 26 प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय था। इस निर्णय को गलत जानकारी फैलाने के संदर्भ में उठाया गया था, जिसे लोगों ने अपनी स्वतंत्रता पर हमला माना। जनता का गुस्सा तब और बढ़ गया जब सोशल मीडिया पर 'नेपो बेबीज' ट्रेंड ने राजनेताओं के बच्चों की जीवनशैली को उजागर किया, जिससे आम लोगों के बीच आर्थिक असमानता का मुद्दा सामने आया।