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नेपाल में पूर्व नेताओं पर कार्रवाई, नेपाली कांग्रेस ने दी चेतावनी

नेपाल में जेन-जी के विरोध प्रदर्शनों के बाद, अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली समेत अन्य नेताओं पर कार्रवाई की है। नेपाली कांग्रेस ने सरकार को चेतावनी दी है कि वह बदले की राजनीति से दूर रहे। पार्टी ने पासपोर्ट पर रोक और यात्रा प्रतिबंध को अन्यायपूर्ण बताया है। इस बीच, एक जांच समिति का गठन किया गया है, जिसका नेतृत्व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज गौरी बहादुर कार्की कर रहे हैं। जानें इस राजनीतिक संकट के बारे में और क्या हो रहा है।
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नेपाल में पूर्व नेताओं पर कार्रवाई, नेपाली कांग्रेस ने दी चेतावनी

नेपाल में राजनीतिक संकट

नेपाल में जेन-जी के विरोध प्रदर्शनों के बाद, अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सहित अन्य नेताओं पर कार्रवाई की है। इस बीच, नेपाली कांग्रेस पार्टी ने सुशीला कार्की की सरकार को चेतावनी दी है।  


नेपाली कांग्रेस की चेतावनी

नेपाली कांग्रेस ने कार्की सरकार को बदले की राजनीति से दूर रहने की सलाह दी है। पार्टी के मुख्य सचिव कृष्ण प्रसाद पौडेल ने एक बयान में कहा कि सरकार को ऐसी गतिविधियों से बचना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि 8 और 9 सितंबर के प्रदर्शनों की जांच करने के बजाय, सरकार प्रतिशोध की भावना से काम कर रही है।


जांच आयोग की आलोचना

नेपाली कांग्रेस ने पासपोर्ट पर रोक और घरेलू यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के कदम की आलोचना की है, इसे अन्यायपूर्ण बताते हुए। पौडेल ने कहा कि बिना किसी जांच के, एक तथाकथित आयोग के माध्यम से राजनीतिक नेताओं और कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है।


सरकार की कार्रवाई पर सवाल

उन्होंने यह भी कहा कि यह सरकार गैरकानूनी और असंवैधानिक गतिविधियों में संलग्न है, जिसने आयोग को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। यह मानवाधिकारों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन है। पासपोर्ट पर रोक और देश के भीतर आवाजाही पर प्रतिबंध स्पष्ट रूप से राजनीतिक प्रतिशोध को दर्शाता है।


नए प्रतिबंधों की जानकारी

हाल ही में, नेपाल की अंतरिम सरकार ने पूर्व पीएम केपी ओली और अन्य प्रमुख नेताओं के विदेश जाने पर रोक लगा दी है। यह प्रतिबंध पूर्व गृह सचिव गोकर्णमणि दुवादी, राष्ट्रीय जांच विभाग के पूर्व प्रमुख हुतराज थापा और काठमांडू के पूर्व मुख्य जिला अधिकारी छबी रिजाल पर लगाया गया है।


जांच समिति का गठन

नेपाल में 8-9 सितंबर को हुए जेन-जी प्रोटेस्ट के लिए बनाई गई तीन सदस्यीय जांच समिति ने यह निर्णय लिया। इस समिति के प्रमुख सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज गौरी बहादुर कार्की हैं।