नेपाल में भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों के बीच 72 कैदियों की गिरफ्तारी

नेपाल में कैदियों की गिरफ्तारी का सिलसिला
नई दिल्ली: नेपाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों के बीच, जेल से भागे कैदियों की गिरफ्तारी का कार्य जारी है। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने अब तक 72 कैदियों को भारत-नेपाल सीमा से पकड़ा है, जिनमें हाल ही में दो कैदियों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, उनकी गिरफ्तारी का स्थान अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है।
एसएसबी के अधिकारियों के अनुसार, ये सभी कैदी नेपाल में बिगड़ती स्थिति के दौरान जेल से भाग निकले थे और भारत-नेपाल सीमा पार करने की कोशिश कर रहे थे। सुरक्षा बलों ने सीमा पर तैनात चौकियों से उन्हें पकड़ लिया। अधिकारियों का कहना है कि नेपाल की जेलों से भागने वाले कैदियों की संख्या अब तक 13,000 से अधिक हो चुकी है, जो भारत की सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकती है। इस स्थिति को देखते हुए, एसएसबी ने सीमा पर गश्त और निगरानी को और कड़ा कर दिया है। संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है और स्थानीय खुफिया तंत्र को भी सतर्क कर दिया गया है।
आपको बता दें कि चार सितंबर को नेपाली सरकार ने देश में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके विरोध में जेन-जी ने सड़कों पर उतरकर इस फैसले का विरोध किया। युवाओं ने सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध के साथ-साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ भी आवाज उठाई। इस कारण नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सहित कई मंत्रियों को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। जेन-जी युवाओं का कहना है कि जब तक नेपाल भ्रष्टाचार से मुक्त नहीं हो जाता, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
नेपाल में युवाओं के विरोध प्रदर्शनों के कारण स्थिति अब हिंसात्मक हो चुकी है, जो वैश्विक मंच पर भी चर्चा का विषय बन गई है।
भारत सरकार ने नेपाल में उत्पन्न अराजकता को ध्यान में रखते हुए एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि हम वहां की स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। इसके अलावा, भारत के विदेश मंत्रालय ने वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों से अपील की है कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक वे अपने घरों में ही रहें।