नेपाल में मूसलधार बारिश से जनजीवन प्रभावित, प्रशासन ने यात्रा पर लगाई रोक

नेपाल में बारिश और भूस्खलन का कहर
नेपाल में बारिश: नेपाल में शुक्रवार शाम से हो रही तेज बारिश और भूस्खलन ने पूरे देश में संकट पैदा कर दिया है। इस प्राकृतिक आपदा के चलते जनजीवन पूरी तरह से ठप हो गया है। सड़क, हवाई और अन्य परिवहन सेवाएं गंभीर रूप से प्रभावित हुई हैं, जिससे लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए अगले तीन दिनों तक सावधानी बरतने और यात्रा से बचने की सलाह दी है।
पिछले 24 घंटों से लगातार हो रही बारिश के कारण नेपाल के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं। प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों सहित कई स्थानों पर मलबा जमा होने से यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। सैकड़ों वाहन सड़कों पर फंसे हुए हैं, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। काठमांडू को अन्य क्षेत्रों से जोड़ने वाली सभी सड़कों को बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने काठमांडू से बाहर जाने और वहां पहुंचने वाली सभी यात्राओं पर अगले तीन दिनों तक प्रतिबंध लगा दिया है। लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने घरों में रहें और अनावश्यक यात्रा से बचें।
हवाई अड्डों पर भी असर
इस आपदा का प्रभाव हवाई यातायात पर भी पड़ा है। भारी बारिश के कारण देश के सभी हवाई अड्डों को बंद कर दिया गया है। काठमांडू का त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी बंद है, जिससे अंतरराष्ट्रीय और घरेलू यात्रियों को कठिनाई हो रही है। सभी आंतरिक उड़ानों को अगले दो दिनों तक रद्द कर दिया गया है। कई हवाई अड्डों के रनवे पर पानी भर गया है, जिससे उड़ानें संचालित करना असंभव हो गया है। घरेलू एयरलाइंस कंपनियों ने मौसम में सुधार होने तक उड़ानों को रद्द करने की घोषणा की है।
भारी बारिश और भूस्खलन से स्थिति गंभीर
प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। भारी बारिश और भूस्खलन के कारण कई क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है। राहत और बचाव कार्यों के लिए टीमें तैनात की गई हैं, लेकिन मौसम की स्थिति के कारण इन कार्यों में भी बाधा आ रही है.
नेपाल सरकार और स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिसके चलते लोगों से विशेष सावधानी बरतने को कहा गया है.