नेपाल में युवा प्रदर्शन: संसद में घुसपैठ और हिंसा के बीच 9 की मौत

नेपाल में उग्र प्रदर्शन
नेपाल समाचार: काठमांडू में सोमवार को हो रहे उग्र प्रदर्शनों के दौरान हजारों युवा संसद में घुस गए और गेट-1 तथा गेट-2 पर कब्जा कर लिया। सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार की। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं। दोपहर तक, 9 प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी थी और सैकड़ों लोग घायल बताए जा रहे हैं। नेपाल सरकार ने पुलिस को देखते ही गोली मारने के आदेश भी दिए हैं। इस स्थिति को देखते हुए, काठमांडू के कई क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। वर्तमान में, राजधानी में युवाओं का उग्र प्रदर्शन जारी है।
Gen-Z प्रोटेस्ट का कारण
आइए जानते हैं Gen-Z प्रोटेस्ट के बारे में। नेपाल सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप और सोशल मीडिया पर बैन के फैसले के खिलाफ, काठमांडू में युवा प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार ने 3 सितंबर को 26 सोशल मीडिया एप्स पर बैन लगाने का निर्णय लिया था। इसी के विरोध में, 1997 से 2012 के बीच जन्मे हजारों युवा सड़कों पर उतर आए हैं।
प्रदर्शन का कारण
नेपाल के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सभी सोशल साइट्स और एप्स को 28 अगस्त से 7 दिनों के भीतर रजिस्ट्रेशन कराने का आदेश दिया था। बताया जा रहा है कि समय सीमा के भीतर फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब सहित 26 एप्स ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया, जिसके बाद सरकार ने इन पर बैन लगाने का निर्णय लिया। इसी फैसले के खिलाफ और सरकार में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए, हजारों युवा प्रदर्शन कर रहे हैं।
हिंसा में 9 की मौत, 90 से अधिक घायल
सोमवार को काठमांडू में शुरू हुए इस प्रदर्शन में लगभग 13,000 से अधिक लोग शामिल थे। प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए संसद में घुस गए और गेट-1 और गेट-2 पर कब्जा कर लिया। यह पहला मौका है जब प्रदर्शनकारी संसद में घुसे हैं। सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पानी की तेज बौछारें की और आंसू गैस का प्रयोग किया। नेपाल पुलिस के अनुसार, इस प्रदर्शन में 9 प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है और 90 से अधिक घायल हैं। पुलिस ने काठमांडू के प्रमुख इलाकों में दोपहर 12:30 से रात 10 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया है।
सरकार की आपात बैठक
नेपाल में हो रहे युवा प्रदर्शनों को देखते हुए मंत्री परिषद की आपात बैठक बुलाई गई है। यह बैठक अब शुरू हो चुकी है, जिसमें पूर्व उप प्रधानमंत्री, विदेश मंत्रालय के प्रमुख और अन्य मंत्री शामिल हैं। यह बैठक लगभग 2 घंटे तक चलने की संभावना है, जिसके बाद सरकार प्रदर्शन के संबंध में अपना रुख तय कर सकती है।