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नेपाल में युवा प्रदर्शनकारियों का उग्र विरोध: क्या पीएम ओली का भविष्य खतरे में है?

नेपाल में सोशल मीडिया ऐप्स पर बैन के बाद जेनरेशन Z के हजारों युवा सड़कों पर उतर आए हैं, जिससे हिंसा भड़क गई है। काठमांडू समेत कई शहरों में प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की, जिसके चलते सरकार को कर्फ्यू लगाना पड़ा। इस उग्र विरोध के बीच, 5 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है और पीएम ओली पर भी इस्तीफे का दबाव बढ़ रहा है। क्या नेपाल में हालात बांग्लादेश जैसे होंगे? जानें इस संकट की पूरी कहानी।
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नेपाल में युवा प्रदर्शनकारियों का उग्र विरोध: क्या पीएम ओली का भविष्य खतरे में है?

नेपाल में उग्र प्रदर्शन: सोशल मीडिया पर बैन के खिलाफ सड़कों पर उतरे युवा

नेपाल में विरोध प्रदर्शन: नेपाल में सोशल मीडिया ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद, जेनरेशन Z के हजारों युवा सोमवार को सड़कों पर उतर आए और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। यह प्रदर्शन बाद में हिंसक हो गया। काठमांडू सहित कई शहरों में प्रदर्शनकारियों ने जमकर तोड़फोड़ की, जिसके परिणामस्वरूप सरकार को कर्फ्यू लागू करना पड़ा। इसके बावजूद, स्थिति नियंत्रण में नहीं आई और भीड़ ने मंत्रियों के आवासों और प्रधानमंत्री के निवास को घेर लिया।


सोमवार को हुई हिंसा में 20 लोगों की जान चली गई, और पुलिस पर फायरिंग करने के आरोप लगे हैं। इस घटना के बाद लोगों में और भी नाराजगी बढ़ गई है। आंदोलनकारी अब नेताओं और मंत्रियों के घरों पर हमले कर रहे हैं। इस बीच, 5 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है और पीएम केपी शर्मा ओली से भी पद छोड़ने की मांग उठ रही है। चर्चा है कि पीएम ओली देश छोड़ने की योजना बना सकते हैं, हालांकि इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।


इस्तीफों की झड़ी: पीएम ओली पर बढ़ता दबाव

सोमवार की हिंसा के बाद, सबसे पहले होम मिनिस्टर रमेश लेखक ने इस्तीफा दिया। इसके बाद कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी समेत कुल 5 मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने वाले मंत्रियों ने पीएम ओली से भी सत्ता छोड़ने की अपील की है। सूत्रों के अनुसार, पीएम ओली पर विदेशी डील्स और कारोबारी हितों को साधने के आरोप लगते रहे हैं, जिससे जनता का गुस्सा और बढ़ा है।


नेपाल का संकट: बांग्लादेश की याद दिलाता

नेपाल में मौजूदा हालात की तुलना बांग्लादेश से की जा रही है, जहां भारी विरोध और हिंसा के बीच तत्कालीन पीएम शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा था। वर्तमान में वह भारत में रह रही हैं और बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का नेतृत्व अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस कर रहे हैं। नेपाल में भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या यहां भी बांग्लादेश जैसा हाल होने वाला है।


नेताओं के घरों पर हमले: कर्फ्यू के बावजूद उपद्रव

कर्फ्यू लागू होने के बावजूद उपद्रवियों ने मंत्रियों और बड़े नेताओं के घरों को निशाना बनाया। संचार एवं आईटी मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के ललितपुर स्थित घर में आग लगा दी गई। डिप्टी पीएम और वित्त मंत्री बिष्णु पौडेल के घर पर भी हमला हुआ, वहीं इस्तीफा दे चुके होम मिनिस्टर रमेश लेखक का घर भी सुरक्षित नहीं रहा। नेपाल राष्ट्र बैंक के गवर्नर बिस्वो पौडेल के घर पर भी पथराव किया गया।


नेपाल के राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पीएम केपी शर्मा ओली के खिलाफ एक साल से आंदोलन जारी है। उन पर इंडोनेशिया और मलेशिया के साथ निजी कारोबारी सौदों में संलिप्त होने के आरोप हैं। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या मौजूदा विरोध और हिंसा के पीछे विदेशी हाथ भी काम कर रहा है।