नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता के बीच हिंसा और जनाक्रोश का उभार
नेपाल में बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता
नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता के चलते आम जनता और युवाओं का गुस्सा हिंसक रूप ले चुका है। उपद्रवियों ने पूर्व प्रधानमंत्री झालानाथ खनाल के निवास को आग के हवाले कर दिया, जिससे उनकी पत्नी राज्यलक्ष्मी चित्रकार की दुखद मृत्यु हो गई। यह घटना काठमांडू के दल्लू क्षेत्र में हुई, जिसने नेपाल की राजनीति में तनाव की लहर पैदा कर दी।राज्यलक्ष्मी चित्रकार को गंभीर चोटों के बाद कीर्तिपुर बर्न अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। यह घटना नेपाल की राजनीतिक उथल-पुथल में एक दुखद मोड़ साबित हुई है और जनता में असुरक्षा की भावना को बढ़ावा दिया है।
सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के कारण युवाओं में असंतोष और गुस्सा बढ़ता जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने खनाल के अलावा राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और अन्य प्रमुख नेताओं के आवासों पर भी हमले किए। संसद भवन में भी तोड़फोड़ की गई, जो यह दर्शाता है कि आम जनता का गुस्सा केवल एक नेता तक सीमित नहीं है, बल्कि व्यापक भ्रष्टाचार और शासन के प्रति नाराजगी को भी दर्शाता है।
छात्रों के नेतृत्व में हो रहे विरोध प्रदर्शनों में कई मुद्दे उठाए गए हैं, जिनमें सोशल मीडिया प्रतिबंध, कथित भ्रष्टाचार और लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन शामिल हैं। सुरक्षा बलों की भारी तैनाती और कर्फ्यू के बावजूद काठमांडू और अन्य क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे।
विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत हुई। इस हिंसा और बढ़ते दबाव के चलते प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया। प्रदर्शनकारियों ने उनके कार्यालय में घुसकर नारेबाजी की। नेपाल में अब राजनीतिक अस्थिरता का संकट और गहरा गया है।