नेपाल में राजनीतिक संकट: नए नेतृत्व की तलाश
नेपाल में जेन जेड के नेतृत्व में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद देश सामान्य स्थिति की ओर लौटने की कोशिश कर रहा है। इस बीच, नए नेतृत्व की तलाश जारी है, जिसमें पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की और अन्य प्रमुख नाम शामिल हैं। राष्ट्रपति कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। संविधान के दायरे में राजनीतिक गतिरोध को सुलझाने की अपील की जा रही है। जानें इस संकट का क्या होगा आगे।
Sep 12, 2025, 19:08 IST
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नेपाल में सामान्य स्थिति की ओर लौटने की कोशिश
जेन जेड के नेतृत्व में कई दिनों तक चले हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद, नेपाल अब सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रहा है। इस बीच, यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि देश का नेतृत्व कौन करेगा। नेपाली सेना द्वारा देशव्यापी प्रतिबंध लगाए जाने के बाद, पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की, काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह और बिजली बोर्ड के पूर्व सीईओ कुलमन घीसिंग जैसे नामों पर विचार किया जा रहा है।
राष्ट्रपति कार्यालय के बाहर बढ़ता तनाव
राष्ट्रपति कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन
काठमांडू में राष्ट्रपति कार्यालय के बाहर तनाव तब बढ़ा जब जेनरेशन ज़ेड के समर्थक कुलमन घीसिंग और हरका संपांग के समर्थन में इकट्ठा हुए। प्रदर्शनकारियों ने इन नेताओं के समर्थन में नारे लगाए, जबकि राष्ट्रपति परिसर में केवल एक समूह को आमंत्रित किए जाने पर गुस्सा बढ़ गया। स्थिति बिगड़ने पर नेपाली सेना को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आगे आना पड़ा। प्रदर्शनकारियों और अधिकारियों के बीच गतिरोध जारी रहने के कारण सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
संविधान का सम्मान करने की अपील
संविधानवाद को कायम रखने का आह्वान
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, नेपाल की प्रतिनिधि सभा के स्पीकर देवराज घिमिरे और नेशनल असेंबली के अध्यक्ष नारायण दहल ने शुक्रवार को संविधान के दायरे में चल रहे राजनीतिक गतिरोध को सुलझाने का आह्वान किया। घिमिरे और दहल का संयुक्त बयान ऐसे दिन आया है जब शीतल निवास स्थित राष्ट्रपति कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक हो रही है, जिसमें यह तय किया जाएगा कि मंगलवार को छात्रों के नेतृत्व में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को पद से हटाए जाने के बाद अंतरिम सरकार का नेतृत्व कौन करेगा। संयुक्त बयान में कहा गया है, राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल लोगों की संप्रभुता, नागरिक स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता, राष्ट्रीय एकता और स्वतंत्रता का सम्मान करते हुए स्थिति से निपटने के लिए पहल कर रहे हैं।