नेपाल में राजनीतिक संकट पर चीन की प्रतिक्रिया: क्या है जेन-जेड आंदोलन?

नेपाल में तख्तापलट की स्थिति पर चीन का बयान
नेपाल में राजनीतिक संकट: नेपाल में चल रहे राजनीतिक संकट और तख्तापलट की स्थिति पर चीन ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है। बुधवार को, चीनी विदेश मंत्रालय ने सभी पक्षों से आग्रह किया कि वे अपने घरेलू मुद्दों को शांतिपूर्ण और उचित तरीके से सुलझाएं और देश में सामाजिक व्यवस्था और स्थिरता को जल्द से जल्द बहाल करें।
बीजिंग में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि चीन और नेपाल के बीच लंबे समय से अच्छे पड़ोसी संबंध रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नेपाल के सभी वर्ग आपसी सहमति और विवेक से वर्तमान संकट का समाधान निकालेंगे। हालांकि, उन्होंने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे पर कोई टिप्पणी नहीं की।
जेन-जेड आंदोलन का उभार
जेन-जेड आंदोलन
नेपाल में हाल ही में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ युवाओं द्वारा चलाए गए 'जेन-जेड आंदोलन' ने काफी जोर पकड़ लिया है। भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद से नाराज नागरिकों ने सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू कर दिए। स्थिति तब और बिगड़ गई जब ओली सरकार ने 26 सोशल मीडिया ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया, जिससे जनता का गुस्सा और भड़क गया और आंदोलन हिंसक हो गया। इसके परिणामस्वरूप, प्रधानमंत्री ओली और उनके कैबिनेट के कई प्रमुख मंत्रियों को अपने पदों से इस्तीफा देना पड़ा। मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में आगजनी की, जिसके बाद ओली का इस्तीफा सार्वजनिक हुआ।
चीनी नागरिकों की सुरक्षा पर चीन का बयान
चीनी नागरिकों की सुरक्षा को लेकर बयान जारी
नेपाल में चीनी नागरिकों की सुरक्षा को लेकर भी चीन ने एक बयान जारी किया है। प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि अब तक किसी चीनी नागरिक के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। फिर भी, नेपाल में स्थित चीनी दूतावास ने एक आपातकालीन सुरक्षा तंत्र सक्रिय किया है। चीन ने नेपाल में रह रहे अपने नागरिकों से सतर्क रहने, अनावश्यक बाहर निकलने से बचने और किसी भी आपात स्थिति में दूतावास से तुरंत संपर्क करने की अपील की है।
चीनी प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि चीन मौजूदा हालात पर करीबी नजर रख रहा है और नेपाल में मौजूद अपने संस्थानों और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है।