Newzfatafatlogo

नेपाल में सुशीला कार्की का प्रधानमंत्री बनना: केपी शर्मा ओली का रहस्य

नेपाल में सुशीला कार्की ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का ठिकाना अभी भी रहस्य बना हुआ है। ओली ने इस्तीफे के बाद एक पत्र में भारत-विरोधी रुख को अपने हटने का कारण बताया। जानें ओली की चुप्पी, उनके विचार और नेपाल की वर्तमान स्थिति के बारे में। क्या ओली अपनी जिद के कारण नेपाल को अस्थिरता की ओर ले जा रहे हैं? इस लेख में जानें पूरी कहानी।
 | 
नेपाल में सुशीला कार्की का प्रधानमंत्री बनना: केपी शर्मा ओली का रहस्य

नेपाल में नई सरकार का गठन

नेपाल में सुशीला कार्की ने अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी संभाल ली है। शुक्रवार शाम को उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई, जिसके बाद देश के हालात सामान्य होने लगे हैं। हालांकि, एक महत्वपूर्ण सवाल यह है कि पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का ठिकाना क्या है? जानकारी के अनुसार, जब मंगलवार को 'जेन-जेड प्रदर्शनकारियों' ने संसद भवन में घुसपैठ की और ओली के निवास को आग के हवाले कर दिया, तब उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जैसे-जैसे प्रदर्शन बढ़ा, नेपाल सेना ने उन्हें एक सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।


ओली का पत्र और उनके विचार

इसके बाद ओली ने आंदोलनकारियों के नाम एक पत्र लिखा, जिसे उनके प्रेस सचिव ने सार्वजनिक किया। पत्र में उन्होंने कहा कि भारत-विरोधी रुख उनके इस्तीफे का मुख्य कारण बना। ओली ने लिखा, “मैंने हमेशा कहा कि हमारे देश में काम करने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को यहां के नियमों का पालन करना चाहिए। मैंने यह भी कहा कि लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा नेपाल के हिस्से हैं। यदि मैं इन मुद्दों पर समझौता करता…” ओली ने यह भी बताया कि वे वर्तमान में शिवपुरी में नेपाल सेना के अधिकारियों के साथ सुरक्षित स्थान पर हैं।


ओली की चुप्पी और भविष्य की योजनाएं

इस्तीफे के बाद पहली बार बोलते हुए ओली ने फेसबुक पर लिखा कि नेपाल को भगवान राम की जन्मभूमि बताना और विवादित क्षेत्रों पर दावा करना उनके लिए “गैर-समझौतावादी” मुद्दे हैं। उन्होंने कहा कि भले ही वह पद से हट गए हों, लेकिन इन मुद्दों पर वह डटे रहेंगे। ओली ने अपनी पार्टी को लिखे पत्र में कहा, “मेरी प्रकृति कुछ जिद्दी है। अगर ऐसा न होता तो मैं बहुत पहले हार मान लेता।”


ओली का ठिकाना और नेपाल की स्थिति

हालांकि, ओली का वास्तविक ठिकाना अभी भी रहस्य बना हुआ है। कुछ रिपोर्टों में कहा गया कि वह दुबई चले गए हैं, जबकि कुछ में उनके भूमिगत होने की बात कही गई है। नेपाल सेना ने कहा है कि देश में हालात “नियंत्रण में” हैं, लेकिन उन्हें भी ओली के ठिकाने की जानकारी नहीं है। सेना के प्रवक्ता ने कहा, “हमें उनके बारे में कोई सूचना नहीं है।”


ओली का कार्यकाल और जनता की राय

नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली भले ही आज भारत पर आरोप लगाते रहें, लेकिन वास्तविकता यह है कि उनका कार्यकाल भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और जन असंतोष से भरा रहा। जनता को रोजगार और राहत देने के बजाय उन्होंने भावनात्मक नारों से माहौल गरमाने की कोशिश की। उनके चीन-समर्थक रुख ने भी नेपाल की मुश्किलें बढ़ाईं।


नेपाल की आवश्यकता

नेपाल को आगे बढ़ने के लिए ऐसे नेतृत्व की आवश्यकता है जो संतुलन साध सके— न तो भावनात्मक राष्ट्रवाद में उलझे और न ही किसी एक पड़ोसी की छाया में चले। ओली की जिद ने नेपाल को केवल अस्थिरता और अविश्वास दिया है। अब समय है कि नेपाल इस बोझ से मुक्त होकर यथार्थवादी और विकासोन्मुख राजनीति की ओर बढ़े।