नेपाल में सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया

नेपाल में राजनीतिक बदलाव
नेपाल का अंतरिम पीएम: नेपाल में जेन-जेड समूह के आंदोलन ने केपी शर्मा ओली की सरकार को गिरा दिया है। भ्रष्टाचार के आरोपों और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ इस आंदोलन के परिणामस्वरूप पीएम ओली और अन्य मंत्रियों को अपने पदों से इस्तीफा देना पड़ा। इस राजनीतिक संकट के बीच, नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश और काशी हिंदू विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा सुशीला कार्की को जेन-जेड समूह ने अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नामित किया है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सुशीला कार्की ने अंतरिम पीएम पद स्वीकार करने के लिए अपनी सहमति दे दी है। 30 अप्रैल 2017 को, कम्युनिस्ट सरकार और नेपाली कांग्रेस ने कार्की के खिलाफ संसद में महाभियोग प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन जनता के दबाव और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह प्रस्ताव वापस ले लिया गया। अब, कम्युनिस्ट सरकार के पतन के बाद, कार्की नेपाल की अंतरिम पीएम बनने जा रही हैं।
सुशीला कार्की का परिचय
कौन हैं सुशीला कार्की?
सुशीला कार्की का जन्म 7 जून 1952 को नेपाल के विराटनगर में हुआ। उन्होंने 1972 में विराटनगर के महेंद्र मोरंग परिसर से कला स्नातक (बीए) की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, 1975 में उन्होंने बीएचयू से राजनीति विज्ञान में परास्नातक की डिग्री हासिल की। डिग्री पूरी करने के बाद, वह नेपाल लौट गईं और 1978 में त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
काशी में अध्ययन के दौरान, कार्की की मुलाकात दुर्गा प्रसाद सुबेदी से हुई, जिनसे उन्होंने बाद में विवाह किया। कार्की नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश हैं, और उन्होंने 11 जुलाई 2016 को मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला। हाल ही में, नेपाल में चल रही हिंसा के बीच, जेन-जेड समूह ने एक वर्चुअल बैठक में कार्की के नाम का समर्थन किया है।