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नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ युवा प्रदर्शन, 14 की मौत

नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ युवा सड़कों पर उतर आए हैं, जिससे सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में भी घुसपैठ की और सुरक्षाबलों पर पथराव किया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज और फायरिंग की, जिसमें 14 लोगों की मौत हो गई। जानें इस उग्र विरोध की पूरी कहानी और इसके पीछे के कारण।
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नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ युवा प्रदर्शन, 14 की मौत

नेपाल में युवा प्रदर्शन का उबाल

काठमांडू। नेपाल में सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी संख्या में युवा सड़कों पर उतर आए हैं। जेनेरेशन जेड (Gen Z) ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया है। इस दौरान, सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई और कई प्रदर्शनकारी संसद भवन में भी घुस गए। जब उन्हें रोकने की कोशिश की गई, तो वे इधर-उधर कूदकर भाग गए। इसके अलावा, सुरक्षाबलों पर पथराव भी किया गया। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, पानी की बौछार की और कुछ स्थानों पर फायरिंग भी की। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस विरोध प्रदर्शन में 14 लोगों की जान चली गई है और कई अन्य घायल हुए हैं।


गुरुवार को नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया पर एक बड़ा कदम उठाते हुए फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसी साइटों पर प्रतिबंध लगा दिया। यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि ये कंपनियां निर्धारित समय सीमा के भीतर संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ पंजीकरण कराने में असफल रहीं। मंत्रालय ने बताया कि सोशल मीडिया कंपनियों को 28 अगस्त से एक सप्ताह का समय दिया गया था, लेकिन उन्होंने पंजीकरण नहीं कराया।


प्रदर्शनकारियों का जुटान
सोमवार सुबह 9 बजे से ही बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी काठमांडू के मैतीघर में इकट्ठा होने लगे थे। हाल के दिनों में 'नेपो किड' और 'नेपो बेबीज' जैसे हैशटैग ऑनलाइन ट्रेंड कर रहे हैं। काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय के अनुसार, 'हामी नेपाल' ने इस रैली का आयोजन किया था। प्रदर्शन अभी भी जारी है और बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर मौजूद हैं।


कर्फ्यू का ऐलान
विरोध प्रदर्शन के बीच कई क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है, जिसमें बाणेश्वर, सिंधुदरबाह, नारायनहिति और अन्य संवेदनशील इलाके शामिल हैं। बढ़ते प्रदर्शन को देखते हुए बाणेश्वर में सेना को तैनात किया गया है।