नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन, मंत्री का इस्तीफा

नेपाल में सरकार पर संकट
नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध के खिलाफ चल रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच सरकार की स्थिति कमजोर होती जा रही है। मंगलवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के मंत्रिमंडल के एक और मंत्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
कृषि और पशुपालन विकास मंत्री रामनाथ अधिकारी ने अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि देश में हो रही हिंसा को देखते हुए वह अपने पद पर बने नहीं रह सकते थे।
उन्होंने कहा, "हिंसा ने यह सवाल उठाया है कि क्या वर्तमान सरकार एक तानाशाही व्यवस्था की ओर बढ़ रही है।"
इससे पहले, गृह मंत्री रमेश लेखक ने भी अपने पद से इस्तीफा दिया था।
काठमांडू और उसके आसपास सोमवार को हुए प्रदर्शनों के दौरान सरकार की हिंसक प्रतिक्रिया के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं। इस हिंसा में कम से कम 19 लोगों की जान गई है। मंगलवार को भी काठमांडू के विभिन्न हिस्सों से विरोध प्रदर्शन की खबरें आई हैं, जिसके चलते स्थानीय प्रशासन ने कर्फ्यू लागू किया है।
काठमांडू में गृह मंत्रालय के अधीन तीन जिला प्रशासन कार्यालयों ने अलग-अलग नोटिस जारी कर कई स्थानों पर कर्फ्यू लागू किया है, जिसमें शहर के प्रमुख प्रवेश बिंदु शामिल हैं।
काठमांडू डीएओ ने मंगलवार को महानगरपालिका क्षेत्र में सुबह 8:30 बजे से अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लागू किया, जिसमें लोगों की आवाजाही, प्रदर्शन, सभाएं या धरने पर रोक है।
कर्फ्यू के दौरान आवश्यक सेवाओं जैसे एम्बुलेंस, अग्निशामक वाहन, शव वाहन, स्वास्थ्यकर्मियों, पत्रकारों, पर्यटकों और मानवाधिकार व राजनयिक मिशनों के वाहनों की आवाजाही की अनुमति होगी।
ललितपुर के जिला प्रशासनिक अधिकारी ने भी विभिन्न संगठनों के प्रदर्शनों के बीच सार्वजनिक शांति और सुरक्षा को प्रभावित करने वाली हिंसक गतिविधियों की संभावना का हवाला देते हुए कर्फ्यू लगाया है।
भक्तपुर के जिला प्रशासनिक अधिकारी ने भी जिले के विभिन्न स्थानों पर कर्फ्यू लागू किया है, जिसमें विरोध-प्रदर्शन और सभाओं पर रोक लगाई गई है।
लोग सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा व्यक्त कर रहे हैं और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार को 'हत्यारी सरकार' कह रहे हैं।
इस बीच, प्रधानमंत्री ओली ने सोमवार रात एक बयान में कहा कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान अवांछित समूहों की घुसपैठ इस दुखद घटना का कारण बनी।