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नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन

नेपाल में 3 सितंबर को सोशल मीडिया एप्स पर लगाए गए बैन के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बैन के चलते युवा सड़कों पर उतर आए हैं, जिससे स्थिति बिगड़ गई है। प्रदर्शन के दौरान 8 लोगों की मौत और 80 से अधिक लोग घायल हुए हैं। सरकार का कहना है कि यह कदम नियमों के पालन के लिए उठाया गया है, जबकि युवाओं का मानना है कि यह असहमति की आवाज को दबाने का प्रयास है। जानें इस मुद्दे की पूरी जानकारी।
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नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन

नेपाल में चल रहे हिंसक प्रदर्शन

नेपाल में वर्तमान में हिंसक प्रदर्शनों की लहर चल रही है। इसका मुख्य कारण 3 सितंबर को नेपाल सरकार द्वारा सभी प्रमुख सोशल मीडिया एप्स और साइट्स पर लगाए गए प्रतिबंध हैं। इस निर्णय के खिलाफ जनता सड़कों पर उतर आई है और प्रदर्शन कर रही है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस दिन सभी प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाने का आदेश दिया था। प्रदर्शन के दौरान स्थिति इतनी बिगड़ गई कि 8 लोगों की मौत और 80 से अधिक लोग घायल होने की सूचना मिली है। 


युवाओं का सड़कों पर उतरना

सोशल मीडिया एप्स पर बैन लगने के बाद से नेपाल के युवा, विशेषकर जनरेशन जी (GenZ), इस प्रतिबंध के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदर्शन के दौरान कई हिंसक झड़पें हुई हैं, जिसमें कई लोगों की जान गई है।


प्रतिबंध का कारण

सरकार का कहना है कि देश में प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स बिना रजिस्ट्रेशन के कार्यरत थे। रजिस्ट्रेशन के लिए 3 सितंबर को अंतिम तिथि निर्धारित की गई थी। रजिस्ट्रेशन न कराने के कारण फेसबुक, एक्स (ट्विटर), व्हाट्सएप, यूट्यूब सहित 26 सोशल मीडिया एप्स पर बैन लगाया गया।


सरकार का बयान

सरकार ने सोशल मीडिया एप्स पर लगाए गए बैन को "नियमों के पालन" के लिए आवश्यक बताया है, जबकि युवाओं और विपक्षी दलों का मानना है कि यह असहमति की आवाज को दबाने का प्रयास है।